अस्तित्व बचाने के लिए युवाओं की एक अच्छी पहल
गाजीपुर – 168 वर्ष पुराना ऐतिहासिक बद्रीचंद्र के पोखरा अब संकट में है। इसमें गंदगी का अंबार लगा हुआ है और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। कभी पानी से लबालब रहने वाला यह पोखरा आज बूंद-बूंद को तरस रहा है। इसकी दयनीय स्थिति देख सामाजिक संस्था एकता फाउंडेशन फुल्लनपुर’ आगे आई है। संस्था ने इस पोखरे की सफाई कर इसमें पानी भरवाने का संकल्प लिया। लगे हाथ इसकी सफाई भी शुरू कर दी गई है। इसी कम में संस्था के सदस्य पिछले तीन दिन से उक्त पोखरे पर जा रहे हैं और उसकी सफाई कर रहे हैं। इसमें स्थानीय गांव के युवा भी काफी सहयोग कर रहे हैं। संस्था के अध्यक्ष साधन चक्रवर्ती ने बताया कि नदी, तालाब व पोखरे हमारे जीवनदाता हैं। इन्हें हम देवता की तरह पूजते हैं लेकिन आज के आधुनिक दौर में लोग इनका महत्व भूल गए हैं। इसके चलते तालाब व पोखरों की स्थिति खराब हो गई है। कभी लोग इसका पानी पीते थे और स्नान करते थे लेकिन अब इसमें पानी ही नहीं है। ऐसे में हमारी संस्था ने ऐसे ऐतिहासिक तालाब व पोखरों का संरक्षण करने का अभियान चलाया है। इसी क्रम में हम लोग पिछले तीन दिन से पौने दौ सौ वर्ष पुराने बद्रीचंद पोखरे की सफाई करवा रहे हैं। यही नहीं ग्रामीणों को प्रेरित कर उसमें पानी भी भरवाया जा रहा है।