आलू पैदा करने वाले किसानों के चेहरे पर हरियाली

गाजीपुर- कई वर्षो से आलू की फसल से चोट खाये किसानों ने कोल्ड स्टोरों मे आलू रखने के बाद शेष बचे आलू को धडल्ले से खूले बाजर मे बेच रहे है। वर्तमान समय मे आलू का बाजार मूल्य 1100 रुपये प्रति कुंतल होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है। अब किसान कोल्ड स्टोरेज में अपनी उपज रखकर मूल्य और बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार आलू की खेती के लिए अनुकूल मौसम होने के कारण ही इस बार आलू के उत्पादन में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिले में बीते वर्ष 11 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती की गई थी। पिछले कई वर्षों से आलू की खेती में लाखों का घाटा सहने के कारण किसान कंगाल हो चुका था। किसान आलू की खेती करने से इस कदर भयभीत हो गया था कि वह पिछले वर्ष आलू की खेती करने से पहले काफी सोच विचार कर रहा था। जो किसान तीन से चार बीघा आलू की खेती करता था, वह पिछले वर्ष एक से डेढ़ बीघा के बीच ही आलू की खेती किया। दो बार सिंचाई करने के बाद जब किसानों ने आलू की खुदाई शुरू कराई तो एक बीघा में 8 कुंतल की पैदावार हुई। इस तरह की बंपर पैदावार जिले के हर क्षेत्र में देखी गई।

इधर बीच बिहार, झारखंड और वाराणसी में आलू की डिमांड बढ़ने से आलू का बाजार भाव भी चढ़ने लगा। मौजूदा समय में आलू का मूल्य थोक में 1100 प्रति कुंतल हो चुका है। अचानक आलू का भाव चढ़ने के कारण किसानों ने तत्काल उसका भंडारण नजदीक के कोल्ड स्टोरेज में शुरू करा दिया। हालात यह है कि जिले के 90 प्रतिशत शीतगृह भर गए। आलू किसानों का कहना है कि कई वर्षों से आलू की खेती में हो रहे नुकसान की भरपाई इस बार होगी।

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