इस गांव के 49 चकरोड जमीन खा गई या आस़मां

गाजीपुर – तहसील जखनियां के सुरहुरपुर हरिचरन गांव में सरकारी अभिलेख में कुल 49चकरोङ है ,लेकिन मौके पर ये चकरोड कहां है ? और किसके चक में है यह किसी ग्रामवासी को कुछ अता-पता नहीं है। ग्राम पंचायत के मुखिया के तरफ से इन चकरोडों पर कभी मिट्टी डाली गयी या नहीं भोले-भाले ग्रामीण इस बात से भी अनभिज्ञ है। चालक और धूर्त किसानों द्वारा इन चकरोड़ो को जोतलिया गया है। नया चक संख्या 364/ 365 जिसका पुरानानंबर 266 था 15कङी ‘ नयानंबर 366 एक फुट चौडाई रह गई है। ये चकदार धावा’ ‘ फरीदपुर अंनापने ही नगदसिहयादव फरीदपुरधावा बूढनपुर के रेंज में आता है चक का पुरानानंबर 160/1 ‘ 160/2 ‘ 160/3 जिसका नयानंबर 177 ‘ 178 ‘ 179 है इसमें चकबंदी के दौरान भी नापी नहीं हुई। नहर के लिए जमीन कटौती के बाद भी यह चकरोड 10 कङी का अलग से है जिस पर फरीदपुर मे खङंजा हो गया है। मोहनपुर- फरीदपुर के सरहद पर मिट्टी ङाल दी गई है। बीच का चकरोड़ जोत कर ये चकदार अपने चक में मिला लिए हैं।इनका चक मोहनपुर ,फरीदपुर, सुरहुरपुर, हरिचरन, धावा व बूढनपुर में है। हर चक में,हर चकधारक ने चकरोङ जोता लिया है लेकिन भूत और बर्तमान सभी ग्राम प्रधान कान मे तेल डाल कर सोते चले आ रहे है। इन चकरोड़ जोतने वालों और ग्राम प्रधानों के लिए इतना ही काफी है कि ” तोहऊ लूटा हमहुँ लूटी लूटले क आजादी बा , सब से अधिक ऊ लूटे जेकरा तन पर खादी बा ।।- संत प्रताप शर्मा एवं मास्टर मुन्नी सिह की रिपोर्ट