उच्च न्यायालय के आदेश पर पोखरी अतिक्रमण मुक्त

गाजीपुर- भांवरकोल –उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में तहसीलदार ने रविवार को सोनवानी गांव में पहुंचकर पोखरी पाटकर मनोरमा देवी पत्नी स्वर्गीय रामनारायण यादव के बनाए गये टिनशेड, शौचालय, बाथरूम, पशुओं के नाद व चरन को जेसीबी मशीन से तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया। तहसीलदार मोहनलाल गुप्ता ने बताया कि इस पोखरी अराजी नंबर 134 क पर अतिक्रमण करने के मामले में वर्ष 1992 में ग्राम सभा बनाम रामनारायण का वाद न्यायिक तहसीलदार मुहम्मदाबाद के यहां दाखिल किया गया था। इस मुकदमे में 1997 में बेदखली का आदेश हुआ। इसके बावजूद इस पोखरी से अतिक्रमण नहीं हटा। गांव के ही सुभाष राय ने इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल दाखिल की। 16 मार्च को उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में तहसीलदार राजस्व कर्मियों व पुलिस बल के साथ सोनवानी पहुंचे और पोखरी की जमीन पर मनोरमा देवी का बना टिनशेड शौचालय बाथरूम पशुओं के खाने के लिए बने नाद चरन व खड़ंजा को जेसीबी से उखड़वाकर ढहा दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण किसी ने कोई आवाज नहीं उठाई और प्रशासन ने अपना कार्य आसानी से कर लिया। सोनवानी में प्रशासन की कार्रवाई के बाद आसपास के गांवों में भी तालाब, पोखरी, भीटा और खलिहान की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के कान खड़े हो गए हैं। उनके लिए बस एक ही बचाव का रास्ता है कि प्रशासन ने यह कदम उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उठाया है।