करण्डा- कागजों मे ही बही विकास की गंगा

गाजीपुर- करण्डा ब्लाक के माहेपुर गांव में विकास का पहिया धरातल पर नहीं कागजों में ही दौड़ाया गया है। पांच वर्ष में विकास के नाम दस लाख रुपये का गोलमाल किया गया है। इसका खुलासा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना से हुआ है। सरकारी धन के गोलमाल की जानकारी होते ही डीएम के बालाजी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच करने का निर्देश दिया है।
गांव के वर्तमान प्रधान हवलदार चौधरी ने वर्ष 2010 से 2015 तक पूर्व प्रधान की ओर से गांव में कराए गए विकास कार्यों नाली, खड़ंजा निर्माण की आरटीआई के माध्यम से सूचना वर्ष 2012 में मांगी थी लेकिन पूर्व प्रधान के रसूख के चलते आरटीआई के माध्यम से सूचना नहीं मिल पाई। काफी प्रयास के बाद जब उन्होंने पांच वर्ष में हुए विकास कार्यों की सूचना निकाली तो पता चला कि वर्ष 2011-12 में गांव के रामप्रवेश सिंह की मशीन से कपिलदेव सिंह के घर तक तीन सौ मीटर खड़ंजा निर्माण पर एक लाख 43 हजार 998 रुपये खर्च किए हैं, जबकि धरातल पर तीन सौ मीटर तक कोई निर्माण नहीं हुआ है और आज भी रास्ता कच्चा है। सबसे बड़ी बात है की खंड़जा निर्माण में तीन सौ मीटर दूरी दिखाई गई है लेकिन दूरी मात्र दो सौ मीटर की है। यही नहीं इसी रास्ते पर वर्ष 2013-14 में पुन: मिट्टी डालने के नाम कर एक लाख 45 हजार रुपये मनरेगा के तहत उतार लिया गया। रामप्रवेश सिंह की मशीन से (कपिलदेव सिंह के घर से 150 मीटर आगे) सचिंद्र के घर तक छह सौ मीटर मिट्टी डालने का कार्य दिखाया गया। इसकी वास्तविक दूरी को कागज में 350 मीटर की जगह छह सौ मीटर दिखा दिया गया है। संजय के घर से कमला के घर तक मिट्टी खड़ंजा का कार्य दिखा कर एक लाख 20 हजार रुपये उतार लिए गए, जबकि जमीनी हकीकत में कोई रास्ता ही नहीं है। गिरधारी के घर के पास कुएं की मरम्मत के नाम पर 62 हजार रुपये और पंकज ठाकुर के दरवाजे पर स्थित कूप और जगत के निर्माण में 54 हजार रुपये उतारे गए लेकिन स्थित उसकी जस की तस है। गोलमाल का खेल यही नहीं रुका कपिलदेव के घर से गोपाल सिंह के घर तक ढक्कनदार नाली निर्माण कागजों में दिखा कर तीन लाख 26 हजार रुपये उतारे गए। जबकि नाली निर्माण पहले से ही हुआ था। इसकी भी दूरी जहां सौ मीटर है उसे दो सौ मीटर दिखाया गया है। इसी तरह मनोज के घर से इंद्रजीत के घर तक नाली निर्माण के नाम पर एक लाख 38 हजार रुपये उतारे गए। इसमें दूरी दो सौ मीटर दिखाई गई, जबकि दूरी मात्र 50 मीटर ही है। संजय के घर से कमला के घर तक मिट्टी और खड़ंजा के नाम पर 83 हजार उतार लिए गए। इस संबंध में वर्तमान ग्राम प्रधान हवलदार चौधरी ने बताया कि विकास के नाम पर गांव सरकारी धन का गोलमाल सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से पूर्व में किया गया है। डीएम ने जांच टीम गठित की है। अभी जांच नहीं शुरू हो पाई है।

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