कानपुर-अपराधी से बाबा तक का सफर,करौली बाबा उर्फ संतोष भदौरिया

कानपुर-अपने आश्रम में नोएडा के डॉक्टर से मारपीट के आरोपी करौली बाबा डॉ संतोष भदौरिया ने महज 3 साल में ही करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। कानपुर के बिधनू में बने 14 एकड़ के आश्रम में बाबा ऐसो आराम से रहता है। करौली बाबा का भौकाल किसी देश के राष्ट्रपति से कम नहीं है।बाबा जिस रास्ते से निकलते हैं वहां पहले हथियारबंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं,फिर बाबा आगे निकलते हैं।यह पहली बार नहीं है जब बाबा विवादों में घिरे हो बाबा का अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है। बाबा पर करीबी की हत्या का भी आरोप है। बाबा ने बैंक फ्राड भी किया है। इसके अलावा भी कई मामले बाबा के खिलाफ दर्ज हैं। बाबा जेल भी जा चुका है।आइए जानते हैं डॉक्टर संतोष भदौरिया एक किसान नेता से बाबा कैसे बन गया। दरअसल संतोष भदौरिया पहले किसान यूनियन में था, इस दौरान किसान यूनियन के नेता संतोष की मुलाकात शहर के एक आईपीएस अधिकारी से हुई थी। आईपीएस के संपर्क में आने के बाद बाबा विवादित जमीनों को कब्जाने और बेचने के काम में जुट गया। कुछ साल बाद वह आईपीएस विभाग के बड़े अधिकारी हो गए थे ।इसी क्रम में उसने करौली गांव निवासी एक भदौरिया परिवार की जमीन सस्ते में खरीद ली। इसके बाद वहां आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल खोल लिया।संतोष भदौरिया का अपराध से पुराना नाता रहा है। वर्ष 1992 से उसके खिलाफ एक के बाद एक हत्या, हत्या का प्रयास, गाली गलौज, मारपीट, धमकी ,धोखाधड़ी, बैंक फ्रॉड तक के मामले दर्ज हुए।1992 में फजलगंज थाना इलाके में शास्त्री नगर के रहने वाले अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में संतोष भदौरिया और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था। हत्या के इस मामले में संतोष को जेल भी भेजा गया था। मार्च 1993 में संतोष को जमानत मिल गई। समय के साथ धीरे-धीरे सभी मामले दबते गए। इसके बाद संतोष भदौरिया ने करौली बाबा का चोला ओढ़ लिया और लव कुश (दोनों पुत्रों) आश्रम के नाम से तंत्र मंत्र का व्यापार शुरू कर दिया। 2 माह पहले बाबा के आश्रम के पास स्थित गेस्ट हाउस संचालक नरेंद्र की जमीन पर भी कब्जा करना चाहा था। आरोप है कि संचालक ने जब इसका विरोध किया तो बाबा ने एक युवती को थाने भेजकर संचालक को दुष्कर्म के मामले में फंसा कर जेल भिजवा दिया।उसके जाते ही बाबा ने जमीन पर कब्जा कर लिया था। इतना कुछ होने के बाद भी स्थानीय पुलिस बाबा के कृतियों को नजरअंदाज करती रही।साभार-अमर उजाला