कौन होगा गाजीपुर से गठबंधन का लोकसभा उम्मीदवार ?

गाजीपुर -आज हर चट्टी-चौराहे व चाय-पान की दुकान पर हर आमोखास का लोकसभा के टिकट को ले कर बस एक ही सवाल है कि लोकसभा का टिकट किसको मिलेगा ? भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को छोड़ दे तो, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का हर कार्यकर्ता और राजनीति में रुचि रखने वाले लोग एक दूसरे से यही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर लोकसभा का टिकट किसको मिलेगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि बसपा, सपा ,कांग्रेश और लोकदल का गठबंधन कब आकार लेगा, गठबंधन के आकार लेने के बाद सीटों का बंटवारा होगा। सीटों का जब बंटवारा होगा तो सभी राजनैतिक दल आपस में तय करेंगे की कौन कितने सीट पर लडेगा। बसपा लड़ेगी कितने सीट पर, सपा कितने सीट पर,लोकदल कितने सीट पर और कांग्रेस कितने सीट पर लडेगी। जब सीटें सीटों का बंटवारा हो जाएगा तो फिर लोकसभा के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण होगा कि कौन कहां से लड़ेगा। इसके बाद राजनैतिक दल टिकट की दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों को तय करेंगे।वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को छोड़ दिया जाए तो समाजवादी पार्टी से गाजीपुर लोकसभा सीट से टिकट के 12 दावेदारों ने आवेदन कर रखा है ।वहीं दूसरी मजबूत पार्टी बहुजन समाज पार्टी में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी लोकसभा चुनाव के सबसे प्रबल व मजबूत दावेदार हैं ।गाजीपुर में समाजवादी पार्टी से दो प्रबल दावेदार आमने सामने दिखाई दे रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह और दूसरे पूर्व सांसद राधामोहन सिंह ।बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा हुआ हर कार्यकर्ता अफजाल अंसारी का टिकट पक्का मानकर चल रहा है । सपा में राधे मोहन सिंह के समर्थक राधे मोहन सिंह का टिकट पक्का मान कर चल रहे है तो दूसरी तरफ ओम प्रकाश सिंह के समर्थक ओम प्रकाश सिंह का लोकसभा का टिकट पक्का मानकर चल रहे है। एक तीसरा नाम महराजगंज निवासी संतोष यादव का भी सपा के लोकसभा उम्मीदवारों में उछल रहा है। लोकसभा का टिकट किसको मिलेगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या भी गाजीपुर से लोकसभा के टिकट के लिए घात लगाये बैठी है। वैसे भी अभी यह कह देना की लोकसभा का टिकट किसको मिलेगा जल्दबाजी होगी।एक पूर्व सांसद का यह कहना काफी महत्वपूर्ण है कि वर्तमान समय में गठबंधन से टिकट मिलना काफी मुस्किल है लेकिन चूनाव जितना आसान है। राजनीति कब किस करवट बैठेंगी यह कोई नहीं जानता है। लेकिन सभी दल व व्यक्ति के समर्थक अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग गाने-बजाने में लगे है।

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