क्यो कटान पीडितों का खरीदी गयी भूमि पर बसने से इंकार ?

गाजीपुर-सोमवार को जूनियर हाईस्कूल मुहम्मदाबाद परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों और कटान पीड़ितों की बैठक हुई। इसमें कटान पीड़ितों ने खरीदी गई जमीन पर बसने से साफ इंकार कर दिया।
मालूम हो कि वर्ष 2013 में गंगा कटान में अपना सकबुछ गंवाकर विस्थापित कैम्पों में रह रहे कटान पीड़ितों को बसाने के लिए शेरपुर एवं जलालपुर मौजे में 2 करोड़ से अधिक की लागत से खरीदी गई 20 बीघा जमीन पर 376 परिवारों को बसाया जाना था। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कई बार प्रयास किया गया। पिछले महीने दोनो पक्षों की बैठक में कटान पीड़ितों ने निर्णय लेने के लिए 15 दिन की मोहलत मांगी थी। आज की बैठक में प्रशासनिक पक्ष का नेतृत्व कर रहे खंड विकास अधिकारी भांवरकोल अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि सरकारी भूमि पर टाउनशिप विकसित कर 376 परिवारों को बसाने का प्रस्ताव है। आप सभी सहमत हो तो उस एरिया में रहने के लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। 376 परिवारों के लिए लोहिया आवास का पैसा प्राप्त हो गया है। श्री पांडेय के काफी समझाने-बुझाने के बाद भी कटान पीड़ितों ने खरीदी गई जमीन पर बसने से साफ इंकार कर दिया। कटान पीड़ितों के नेता अमरनाथ ने कहा कि जो जमीन खरीदी गई है, उस खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाला कर सर्किल रेट से अधिक दाम पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जमीन ली गई है। बरसात में वह भूमि जलमग्न हो जाती है एवं क्षेत्र गंगा नदी से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कटान पीड़ितों ने मांग की कि ग्राम पंचायत करमचंदपुर में 17 बीघा जमीन चारागाह के नाम से मौजूद है। वहां हमें बसाया जाए। हम किसी भी कीमत पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नहीं बसने जाएंगे। बीडीओ ने बताया कि खरीदी गई जमीन पर कटान पीड़ित बसने को तैयार नहीं है। 376 परिवारों को बसाने के लिए लोहिया आवास बनाने के लिए प्रति आवास तीन लाख रुपया शासन से मिला है। उक्त 11 करोड़ 28 लाख धनराशि शासन को वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। बैठक में प्रभारी एडीओ पंचायत अखिलेश तिवारी, ग्राम पंचायत अधिकारी रजनिकांत पांडेय, विनय कुमार राय, अमरनाथ राम, श्रीनरायन, रामनाथ, बीरबल, जगरनाथ पटेल, गुटन यादव, चम्पा उपाध्याय, शारदा देवी, शनिचरी देवी, हरिशचंद्र आदि उपस्थित रहे।