ग़ाज़ीपुर

गाजीपुर-अरे! छोड़ो यार मणिपुर को

गाजीपुर- जिस दिन से बांग्लादेश में तख्त पलट हुआ है हमारे मित्र मियां बातूनी दाना पानी छोड़ कर हुए बैठे हुए हैं। उनके इस व्यवहार से परिवार के काफी चिंतित हैं। उनके सुपुत्र मुझे बार-बार फोन करके उन्हें समझने के लिए कह रहे हैं, लेकिन अपनी व्यस्तताओं के चलते मैं अपने मित्र मियां बातूनी से मिल नहीं पा रहा था।अचानक शुक्रवार की दोपहर मित्र मियां बातूनी से विकास भवन परिसय में मुलाकात हो गई। मैंने मियां बातूनी को लपक के पकड़ा और चाय पीने का ऑफर देते हुए विक्की की चाय की दुकान पर घसीट लाया ।मैंने पूछा मियां बातूनी बांग्लादेश में हुए तख्तापलट से तुम इतने दुखी क्यों हो ? कि दाना पानी छोड़ बैठे हो, मियां बातूनी ने चाय का एक लंबा सूट्टा लिया और मेरी बातों का जवाब देते हुए कहा कि वहां के मजहबी कट्टर पंथी लोग हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं, बहन बेटियों की आबरू लूट रहे हैं और पूजा स्थलों को नष्ट भ्रष्ट कर रहे हैं। इन बातों सोशल मीडिया पर देख सून कर और  वायरल वीडियो को देखकर के मेरा मन क्रोध से भर उठता है। और खाना खाने का मन नहीं करता है। मैं थोड़ी देर तक मियां की बातो़ को सुनता रहा फिर उनके खामोश होने पर कहना शुरू किया, मियां बातूनी आपको बांग्लादेश की इतनी चिंता है लेकिन मणिपुर की बहन बेटियों के आबरू की कोई चिंता नहीं है ? इस पर मियां बातूनी झल्लाते हुए कहा कि छोड़ो यार मणिपुर को,यहां कुकी और मैथिली के मध्य विवाद है और वहां दो संप्रदायों के मध्य विवाद है। मैंने कहा मियां बातूनी मणिपुर के अधिकांशत कुकी ईसाई संप्रदाय के हैं और अधिकांशत मैत्रेई हिंदू संप्रदाय के हैं तो बांग्लादेश और मणिपुर की हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ में क्या अंतर है ? तुमको पहले अपने घर में लगी हुई आग को देखना चाहिए ना कि दूसरे के घर बांग्लादेश के हालात पर रोना चाहिए।मेरा इतना कहना ही गज़ब ढा गया और बातूनी बगैर दूआ-सलाम के क्रोध से तमतमाते हुए  चलते बने।