गाजीपुर-अवैध हास्पिटलों से अवैध वसूली किसकी ?
![](https://i0.wp.com/ghazipurtoday.com/wp-content/uploads/2024/09/1000569755.jpg?fit=722%2C584&ssl=1)
गाजीपुर-मेरे दिमाग में कई दिनों से एक सवाल खलबली मचा रहा था कि जनपद में अवैध अस्पतालों,नर्सिंग होमों ,पैथोलॉजी सेंटर इत्यादि की भरमार है,लेकिन इन अवैध अस्पतालों ,नर्सिंग होमों और पैथोलॉजी सेंटरों का संरक्षक कौन है ? किसके संरक्षण में यह अवैध हॉस्पिटल पनप रहे हैं।मॉर्निंग वॉक के समय सुबह टहलते- टहलते गोराबाजार स्थित हनुमान मंदिर के पास गुड्डू की चाय की दुकान पर पहुंचा तो वहां मेरे पुराने मित्र बातूनी मियां पहले से बैठे मिल गए।मैंने अपने दिमाग में कुल बुलाते हुए सवाल को बातूनी मियां के सामने रखा। मेरा सवाल सुनकर मियां बातूनी ने कहना शुरू किया मित्र घामड़ इन अवैध अस्पतालों, नर्सिंग होमों तमाम पैथोलॉजी सेंटरो के संरक्षण का काम मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बैठे हुए एक महाशय करते हैं। वह महाशय अपने चेले चप्पडों के माध्यम से इन अवैध नर्सिंग होमों,अस्पतालों से अवैध वसूली भी करते हैं और अवैध वसूली के एवज में उन्हें संरक्षण भी देते हैं।जब कोई नर्सिंग होम,अवैध हॉस्पिटल ,पैथोलॉजी सेंटर उनकी सेवा नहीं करता है तो तो वहां स्वास्थ्य महकमे के द्वारा छापेमारी करके अखबारों में खबर छपवाई जाती है ताकि लोगों को लगे कि जिले का स्वास्थ्य महकमा अवैध हॉस्पिटल,नर्सिंग होमों के प्रति काफी सख्त है। इस अवैध वसूली के खेल में कुछ तथा कथित ब्लैक मेलर पत्रकारों का समूह भी सक्रिय है। ये ब्लैकमेलर पत्रकार अपने न्यूज़ पोर्टल, यूट्यूब चैनल,10-5 कांपी आने वाले अखबार में खबर चलकर/छपवाकर कानूनी कार्यवाही करवाने का भय दिखाकर अवैध वसूली करते हैं।अब तो ट्विटर का जमाना है ये ब्लैकमेलर पत्रकार ट्विटर पर सीएम, स्वास्थ्य मंत्री, डीएम इत्यादि को हैसटैग कर बार-बार ट्वीट और रिट्वीट करते रहते हैं।कई बार अस्पताल संचालक इन ब्लैकमेलर पत्रकारों के खिलाफ थानों एफआईआर भी विभिन्न धाराओं में दर्ज करा चुके देता है खाने का मतलब कि इनको विभाग से ही संरक्षण मिलता है। इस संरक्षण के बदले अवैध हॉस्पिटल वाले महकमे से जूडे ब्लैकमेलर को नजराना शुकराना पेश करते रहते हैं और ठीक इसी तरह ब्लैकमेलर पत्रकारों का धंधा चलता है। मामला जब किसी उपचार या प्रसव के दौरान मौत का होता है तो पत्रकारों, महकमे और पुलिस विभाग की लाटरी खुल जाती है। बातूनी की इतनी प्रवचन सूनते-सूनते हमारी और बातूनी मियां की चाय खत्म हो गई और हम आगे बढ़ गए अपने निवास के लिए और मियां बातूनी बढ़े अपने निवास के लिए।