गाजीपुर: आखिर हाईकोर्ट से मिला न्याय
गाजीपुर। आखिरकार एक वर्ष बाद ही सही, लेकिन हेरोइन तस्करी के आरोप में पकड़े गये अजय कश्यप उर्फ नाटे और उसके बेटे अभय कश्यप को हाईकोर्ट से न्याय मिल ही गया। पिता और पुत्र को हाईकोर्ट से इस केस से बरी कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस के समक्ष सह अभियुक्त की स्वीकारोक्ति बैध साक्ष्य नहीं है। ट्रायल के समय अभियुक्त के विरुद्ध इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस टिपप्णी के के साथ कोर्ट ने सह अभियुक्त की स्वीकारोक्ति के अलावा अन्य साक्ष्य उपलब्ध न होने पर याची अजय कुमार कश्यप पुत्र स्व. शिवकुमार कश्यप की एनडीपीएस की धारा 8/21 के आरोप से अवमुक्त कर दिया है। साथ ही अपर सत्र न्यायाधीश गाजीपुर के डिस्चार्ज अर्जी खारिज करने सम्बंधी आदेश के खिलाफ आपराधिक पुनरीक्षण अर्जी मंजूर की ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएमएन मिश्र ने दिया है। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व कनिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मिश्र व चंद्रशेखर मिश्र ने अपनी दलीज अदालत में प्रस्तुत की।
कोर्ट में यह दी गई दलील
अभियुक्तों के पास से मादक पदार्थ की कोई बरामदगी नहीं की गई। याची ने अदालत में समर्पण किया था। पुलिस ने उसे रिमांड पर भी नहीं लिया। सिर्फ पकड़े गये सह अभियुक्त के बयान पर याची को फंसाया गया है। सह अभियुक्त अभय कश्यप याची का बेटा है।
घटनाक्रम पर एक नजर
12 दिसम्बर 2023 को जंगीपुर थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान जंगीपुर पुल के पास से राजकमल साहनी, बागचंद्र तंवर व शिवम प्रताप सिंह को दबोचा था। इनके पास से पुलिस ने 1 किलोग्राम हेरोइन व 14 लाख रुपये की बरामदगी दिखाई थी। पुलिस ने केस में यह अंकित किया था कि पकड़े गये लोगों का सरगना अजय कश्यप निवासी आमघाट मुहल्ला थाना शहर कोतवाली है और उसका बेटा अभय कश्यप जो कि मौके से फरार हो गया है। इस केस में 21 दिसम्बर 2023 को आरोपित बाप-बेटे ने अपर सत्र न्यायाधीश गाजीपुर की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
पुष्पा देवी ने पुलिस महानिदेशक को भेजा था शिकायती पत्र
अजय कश्यप उर्फ नाटे की पत्नी पुष्पा देवी ने पुलिस कार्रवाई को चैलेंज करते हुए 30 मई 2024 को पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि जिले की क्राइम ब्रांच और जंगीपुर थाना पुलिस ने मिलकर उनके पति और बेटे को फर्जी मुकदमे में फंसाया है। उन्होंने अपने पत्र में साफ तौर पर लिखा था कि हेरोइन के कारोबारी अखिलेश यादव पुत्र रामाज्ञा यादव निवासी बड़ीबाग चुंगी द्वारा मेरे पति से जमीन के एग्रिमेंट कराने के नाम पर 26 लाख रुपये नगद लिया था। बाद में जब एग्रिमेंट नहीं हुआ तो मेरे पति जब अखिलेश से अपना पैसा मांगने लगे तो वह उन्हें पुलिस के माध्यम से फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगा था। बाद में अखिलेश यादव ने तत्कालीन का्रइम ब्रांच प्रभारी रामाश्रय राय, जंगीपुर के तत्कालीन एसओ मित पाण्डेय, एसआई सुनील व कांस्टेबल आशुतोष यादव के साथ मिलकर मेरे पति व बेटे को हेराइेन तस्करी के फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। हालांकि इस मामले की जांच सीओ सिटी के स्तर से की गई। इसमें शिकायकर्ता पुष्पा देवी का भी कई बार बयान लिया गया। इस मामले में पुलिस के स्तर से क्या रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को प्रेषित की गई इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
पुष्पा ने अदालत के फैसले का किया स्वागत
अजय कश्यप की पत्नी और अभय कश्यप की मां पुष्पा देवी को जब कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी हुई तो खुशी के मारे उनके आंखों से आंसुओं की धार बहने लगी। उन्होंने बताया कि मेरे पति और बेटे ने कोई गैर कानूनी कृत नहीं किया था। सिर्फ अपना बकाया 24 लाख रुपये मांगने पर अखिलेश यादव ने पुलिस वालों के साथ मिलकर उनके पति व बेटे को फर्जी मुकदमे में फंसाया था। कोर्ट के फैसले पर मुझे पूरा भरोसा था। मुझे भरोसा था कि देर-सबेर ही, लेकिन मेरे परिवार को कोर्ट से न्याय जरुर मिलेगा। उन्होंने बताया कि फर्जी मुकदमे फंसाने वाले पुलिसकर्मियों ने उनसे भी 60 लाख रुपये की डिमांड की थी, लेकिन जब मैने रुपये देने से इनकार कर दिया तो उन लोगों ने मेरे पति और बेटे को मुकदमे में फंसा दिया।(सभार-डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट)