गाजीपुर-आह ! से उपजा होगा गान,वियोगी होगा पहला कवि

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गाजीपुर- खानपुर क्षेत्र के गदनपुर निवासी भोजपुरी लोक गायक संतोष यादव मधुर ने कोरोना संक्रमणकाल में मुम्बई के स्टूडियो से दूर गांव की गलियों में अपने ही अंदाज में जन चेतना का अलख जगा रहे है। लोगों को कोरोना से मरते देख उनकी गीत संगीत की विधा बदल गयी और निकल पड़े लोगों को इस महामारी के खिलाफ जगाने के लिए… कई म्यूजिक कंपनियों के लिए लगभग बारह सौ से अधिक गाने रिकॉर्ड करवा चुके संतोष मधुर कोरोना संक्रमणकाल में मुम्बई छोड़ अपने गांव आ गये थे। इनके सुमधुर जनजागृति के गीत देश विदेश में भी लोकप्रियता के नित नये आयाम छू रहे है। गांवों में फैली कुरीतियां और अंधविश्वास के खिलाफ उन्होंने गीत रचने का कार्य शुरू किया और मुम्बई के बाकी संगीतकार कैमरामैन और अन्य कलाकारों को बुलाकर प्रशासनिक अनुमति और कोविड बचाव के दिशानिर्देश के अनुसार गांव के आसपास के इलाकों में वीडियो शूटिंग किया। गोसेवा, भूतप्रेत बाधा, दहेज उत्पीड़न, ऊंचनीच, जातिवादी जहर जैसे दर्जनों समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ सूफियाना अंदाज में अश्लीलता से कोसों दूर सुंदर गानों का एलबम बनवाया और लोगों में जनचेतना के माध्यम से निःशुल्क प्रचारित और प्रसारित भी कर रहे है। अपने सूफियाना अंदाज में गाये गीतों के अतिरिक्त संतोष मधुर अपने बच्चों के माध्यम से बाल संगीत की रचना भी करते है और छोटे छोटे बच्चों के बाल सुलभ मनुहार रूपी शिक्षाप्रद गीत भी रचते है। संतोष यादव मधुर कहते है कि गोरखपुर एक कार्यक्रम में योगी जी की प्रेरणा से मेरे संगीत का रुख बदल गया और गुरु गोरखनाथ जी के कृपा से मैं सिर्फ भोजपुरी सूफियाना निर्गुण शुद्ध गीत ही गाता हूं। भोजपुरी फिल्मों और बड़े मंचों के आकर्षण में भी मैं अपने गांव की मिट्टी के सुगंध की खुशबू बिखेरने का भरसक प्रयास करता हूं।

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