ग़ाज़ीपुर

गाजीपुर -क्या रंग लायेगा जिला पंचायत में टेंडर विवाद ?

गाजीपुर-मौसम भले ही इस समय सर्द हो लेकिन जिला पंचायत की राजनीति काफी गर्म है। बहाना सिर्फ इतना है कि 4 जनवरी को हुई जिला योजना समिति के बैठक की सूचना समय से नहीं मिलने की।नगर निकायों में अक्सर विवाद की मुख्य वजह निर्माण कार्य या टेंडर का बंटवारा ही होता है। इसी को लेकर जिला पंचायत हो, नगर पालिका परिषद हो या नगर पंचायत हो मुख्य विवाद का यही कारण होता है।नगर निकाय के अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए किसी सदस्य को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि किसी भिखारी को पांच रुपए की भिख नहीं देने वाले जब नगर निकाय के अध्यक्ष पद को प्राप्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करेगा तो निश्चित तौर सेवा ,निर्माण कार्यों के टेंडर, सामानों की खरीद से ही खर्च किए हुए धन को निकलेगा। ऐसी स्थिति में वह अधिक से अधिक टेंडर अपने चहेते ठेकेदारों को ही देगा और नगर निकाय के सदस्य भी अधिक से अधिक कमाई करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र की कार्ययोजना को अधिक से अधिक शामिल करने का प्रयास करेंगे या करते हैं, ताकि उनको भी ठेकेदार से अधिक से अधिक लाभांश मिले। मुख्य वजह यही है और यही विवाद का कारण भी है। आने वाले दिनों में जिला पंचायत की बैठक काफी हंगामादार होगी इतना तो तय है लेकिन यह भी तय है कि यह सिर्फ नूरा कुश्ती के अलावा और कुछ नहीं है। यदि बात  अविश्वास प्रस्ताव तक जाएगी भी तो तय है कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा की वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता भी है या नहीं आता है क्योंकि मान-मनौव्वल  का दौरा जारी हो चुका है‌। असंतुष्ट सदस्य भी बार-बार यही मांग कर रहे हैं कि कार्य का बंटवारा 1/67 होना चाहिए। निर्वाचित ज़िला पंचायत सदस्यों संख्या 67 है। ज़िला योजना समिति के सदस्यों की संख्या 26 है और जिला योजना समिति के 16 सदस्य उपजिलाधिकारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।