गाजीपुर : खूनी महाभारत के मुहाने पर करण्डा का गोशन्देपुर गांव

गाजीपुर: जिले में हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला करंडा विकास खंड कार्यालय में भी सोमवार दिनांक 10 फरवरी को दो पक्ष जमकर एक दूसरे पर गरजे, लेकिन बरसे नहीं’। हुआ यू कि करंडा ब्लाक के गोशंदेपुर गांव में सात ग्राम पंचायत सदस्यों ने कुछ दिन पूर्व अपने इस्तिफा दे दिया था। इस पद पर दोबारा उप चुनाव होना था, जिसे लेकर ग्रामसभा व विकास खंड कार्यालय में काफी गहमा गहमी चल रही थी। इस दौरान सोमवार को अचानक ही उप चुनाव में नामांकन दाखिल करने वाले सदस्यों के प्रस्तावक ब्लाक कार्यालय में पहुंच गये और यह आरोप लगाते हुए अपना प्रस्ताव वापस लेने लगे कि फर्जी तरीके से उन्हें इस चुनाव में प्रस्तावक बना दिया गया है। उनको बिना जानकारी दिये ही प्रस्तावक के रुप में उनका हस्ताक्षर किया गया है। फिर क्या था मौके पर हंगामा शुरु हो गया। वर्तमान प्रधान के पक्ष के लोग हो-हल्ला करने लगे। इस दौरान कुछ दबंग किस्म के लोग प्रस्तावकों को ब्लाक परिसर में ही धमकी देने लगे। दबंगों की मंशा थी कि किसी भी प्रकार प्रस्तावक अपना प्रस्ताव वापस न लेने पाये और उनके अपने लोग ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव में जीत जाये, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दूसरे खेमे के लोग भी मौके पर डटे हुए थे। गाली-गलौज और धमकी की दौर शुरु हो गया। इस दौरान ब्लाक परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ब्लाक के सभी अधिकारी व कर्मचारी सहम गये। कर्मचारी सहमते भी क्यो नही कुछ वर्षों पूर्व ब्लाक प्रमुख के चुनाव के चलते ब्लॉक के ठीक गेट पर हुए खूनी महाभारत को देख चुके हैं।बताते चले कि प्रधानी के चुनाव को लेकर गोशंदेपुर गांव दो कार्यकाल से सुर्खियों में है। पूर्व के कार्यकाल में प्रधानी के मद के सरकारी धन के दुरुप्रयोग के मामले में एक महिला ग्राम प्रधान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। चर्चा है कि उसी परिवार के हाथों में इस बार की प्रधानी भी चली गई है। गांव में कोई विकास कार्य न होने से नाराज पंद्रह में से 7 सदस्यों ने अपने पद से इस्तिफा दे दिया है। जिसपर सोमवार को उप चुनाव होना था। मिडिया के पास सबूत के तौर पर जो विडियो मौजूद है उसमें साफ नजर आ रहा है कि सरकारी गनर के साथ मौजूद एक व्यक्ति प्रस्तावक और उसके प्रत्याशी के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए धमका रहा है। दूसरे पक्ष के लोग भी उसकी अभद्रता का जबाब उसी की भाषा में दे रहे है। इस दौरान आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता के साथ भी एक पक्ष के लोगों ने जमकर अभ्रदता की। चुनाव निर्वाचन अधिकारी एडीओ जैनेन्द्र सिंह माहौल गड़बड़ देख सकते में आ गये। ब्लाक कर्मचारियों की सूचना पर पुलिस समय रहते मौके पर पहुंच गई और हालात को काबू में कर लिया। अंत में मेम्बर शिप का चुनाव कैसिंल कर दिया गया। बताते चले कि करंडा ब्लाक करीब दो दशक से सुर्खियों में रहा है। कभी वीडियो की हत्या तो कभी वीडियो व कर्मचारियों पर जानलेवा हमले को लेकर यह ब्लाक हमेशा से चर्चा में रहा है। इस सम्बंध में चुनाव अधिकारी एडीओ पंचायत जैनेन्द्र सिंह ने बताया कि उप चुनाव में प्रस्तावकों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके चलते चुनाव को रद्द कर दिया गया है।