गाजीपुर- ग्रमीण अभियंत्र के बाबू बनाम इधर कुंआ उधर खाई

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गाजीपुर-ग्रामीण अभियंत्रण बिभाग गाजीपुर में मुख्यमंत्री त्वरित विकास योजना के तहत आये 20 करोड़ की कार्ययोजना के निर्माण कार्य का टेंडर बेचना दो बाबूओं को काफी महंगा पड गया।कुछ माननीयों का विभाग पर दबाव था कि निर्माण कार्य का टेंडर सिर्फ उनके द्वारा भेजे गये लिस्ट में अंकित ठेकेदारों को ही मिले लेकिन स्थानीय ठेकेदारों का कहना था कि यह शासन का पैसा है किसी की विधायक निधि नहीं का पैसा नहीं है। कुछ ठेकेदार अन्तिम दिन कलेक्ट्रेट मे टेंडर बेच रहे अबू बकर बाबू के यहां टेंडर खरीदने पंहुच गये और विडिओ बनाने लगे। अपनी नौकरी बचाने की मजबुरी में बकर बाबू को टेंडर बेचना पडा । इस टेंडर बिक्री से कुपित एक माननीय सिधे बिभागीय मंत्री मिल कर कार्यालय में कार्यरत दो बाबूओं की सिकायत किया तो दुशरे माननीय ने सिधे टेलीफोन से सिकायत किया। दोनों बाबूओं का प्रशासनिक आधार पर गैर जनपद रातोंरात स्थानांतरण कर दिया गया।

क्या कहते है कार्यालय के कर्मचारी- विभाग के दो निरपराध बाबूओं के स्थानांतरण से भयभीत सभी कर्मचारियों ने नये नवेले अधिशासी अभियंता से कह दिया की वे सभी कार्य करगें लेकिन टेंडर के कार्य से दुर रहेंगे। वैसे इस सारे खेल के पीछे का दिमाग आफिस के ही एक बाबू का है ऐसा विभागीय सुत्रो ने बताया।

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