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गाजीपुर-जयंती पर सम्मानित हुए वरिष्ठ पत्रकार

गाजीपुर-आज दिनांक 26 अक्टूबर को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के तत्वाधान में पत्रकारिता के पुरोधा और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के चंदन नगर स्थित आवास पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई ।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने विद्यार्थी जी की चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईमानदारी से देश सेवा करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने वरिष्ठ पत्रकार पवन कुमार श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र और अगंम् वस्त्रम देकर सम्मानित किया।
बतौर मुख्य अतिथि इस संगोष्ठी मेंअपने विचार व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा की गणेश शंकर विद्यार्थी जी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे ,वह केवल अंग्रेजी राज के खिलाफ ही नहीं लड़े बल्कि देश में व्याप्त सामंती ताकतों और किसानों के दमन ,उत्पीड़न की भी लड़ाई जोरदार ढंग से लड़ी ।कानपुर के मिल मजदूरों को उनका वाजिब हक दिलाने की लड़ाई प्रभावी ढंग से लड़ी तथा उसमें वह सफल भी रहे ।गांधी जी के अंहिसात्मक आंदोलन के वह विरोधी थे ,उनका विचार क्रांतिकारियों के विचार से ज्यादा मिलता था । उन्होंने अपना संघर्ष अंग्रेजी राज के विरोध तक ही नहीं सीमित रखा बल्कि उन्होंने देश के भीतर सामंतवाद और पूंजीवाद से भी संघर्ष किया ।गणेश शंकर विद्यार्थी जी संप्रदायिकता के घोर विरोधी थे ।उन्होंने कौमी एकता के प्रबल पक्षधर थे । भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद देशभर में जो सांप्रदायिक दंगे शुरू हुए उसी दंगों को रोकने के लिए विद्यार्थी जी ने पूरी ताकत लगा दी लेकिन दंडों को रोकने का प्रयास करते हुए कानपुर में राष्ट्र विरोधी ताकतों के शिकार बन गए । 25 मार्च 1931 को महान देश भक्त विधार्थी का देहांत हो गया ।विद्यार्थी जी का जीवन गाथा आज भी देश प्रेमियों की राह रोशन करती है, उनका जीवन हम सबके लिए अनुकरणीय है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश की सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए ।
जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विधार्थी जी ऐसे रचनाकार थे जिनकी लेखनी से हिलती थी अंग्रेजी सरकार । वह आजीवन कलम सरीखे झुके रहे मगर टूटे नहीं । उनकी कलम कभी बिकी नहीं इसलिए वह मशाल की तरह जल रही है । उन्होंने आज की पत्रकारिता के बाजारीकरण एवं गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के पत्रकारों को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए । उनका जीवन हम सब के लिए प्रेरणास्रोत हैं ।
इस इस अवसर पर मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के साथ गुलाब लाल श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव ,चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ,संजीव श्रीवास्तव , सुनील दत्त,प्रवीण श्रीवास्तव ,मोहन लाल श्रीवास्तव, अरुण सहाय,कमल श्रीवास्तव ,दुर्गेश श्रीवास्तव , अनूप श्रीवास्तव ,अजय श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव, मोहनलाल श्रीवास्तव ,हर्ष श्रीवास्तव, हिमांशु श्रीवास्तव, प्रियांशु श्रीवास्तव,आर्यन श्रीवास्तवके साथ-साथ समाजवादी पार्टी की जिला कार्यकारिणी के सदस्य राजेश कुमार यादव युवा नेता अभिनव सिंह भी मौजूद थे इस गोष्ठी का संचालन जिला सचिव श्री श्रीवास्तव ने किया।

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