ग़ाज़ीपुर

गाजीपुर: तथाकथित पत्रकारों के आतंक से त्राहिमाम त्राहिमाम करते लोग

गाजीपुर:जनपद में ऐसे तथाकथित पत्रकारों की ऐसी बाढ़ आयी है कि खुद जनपद के नामचीन पत्रकार भी त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं। खैर ये तथाकथित पत्रकार यदि दोषी है तो बड़े बड़े मिडिया घराने/मालिकान भी कम दोषी नहीं है। दिल्ली, नोएडा से गवर्न होने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया जब करोड़ों के विज्ञापन लेने के लिए खबरों को तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं तो बाकी तहसील, ब्लॉक स्तर के पत्रकार वसूली या ब्लैक मेलिंग के लिए गलत हथकंडे अपनाए तो ग़लत कैसे हैं? राष्ट्रीय मिडिया में सक्रिय एक जाने-माने एंकर/पत्रकार को लोगों ने तिहाडी पत्रकार ही नाम दे दिया।आज मैं रमेश यादव के फेसबुक वॉल पर लिखे ब्लॉग को आपको पढ़ाने जा रहा हूं -जखनियां तहसील क्षेत्र में न्यूज़ वेब पोर्टल और फर्जी पत्रकारिता की आड़ में अबैध वसूली और ब्लैक मेलिंग का धंधा कम होने का नाम नहीं ले रहा।यहां फर्जी पत्रकारों के गैग ने सक्रिय रुप ले रखा है।अगर आप तनिक भी चुके तो नुकसान भी हो सकता है। यह गैंग सुबह से लेकर शाम तक गांवों में घूमकर प्रधानों से वसूली करता हैं।इसके साथ ही गैंग ताक में लगा रहता है किसी में कोई कमी मिल जाय। इसके साथ ही सुबह से लेकर शाम तक
जिले के आला अधिकारियों की जी हुजूरी में लगा रहता है। साथ ही इन कार्यालयों में चक्कर काटने वाले पीड़ितों को भी यह गलत फहमी हो जाती है, की यह लोग ही पत्रकार हैं। अक्सर लोग इनकी जद में फस जाते हैं जो भी फसा उसका कल्याण ये लोग कुछ दिनों में कर ही देते है।यह पत्रकार बड़े अधिकारियों के ऑफिस के आस पास या डीएम व एसपी ऑफिस के पास मडराते नजर आ जायेंगे। इस गैंग में कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी शामिल हो गए हैं, जिनकी हिस्ट्रीशीट तक निकाली जा सकती है। वह भी पत्रकारिता की खाल ओढ़ कर अधिकारियों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। जल्द ही जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नही दिया तो और भी बुरा दौर शुरु हो सकता है।जबकि पत्रकारिता का मूल कर्तव्य है,पत्रकारिता का प्रथम व प्रमुख कर्तव्य अन्याय का उद्घाटन करना, विसंगतियों का सुधार करना, परामर्श देना, समाज का मार्गदर्शन करना तथा व्यक्ति ,परिवार ,
समाज व राष्ट्र का बहुआयामी उत्थान करना होता है।एक दौर था जब पत्रकारों ने अपनी लेखनी के जरिए समाजिक हित में बड़े आंदोलनों को जन्म दिया व समाज ने पत्रकार को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना, लेकिन आज स्थितियां लगातार बदल रही हैं। पत्रकारिता पर व्यवसायिकता हावी हो गई है, जिस कारण पत्रकारिता के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। निजी फायदे के लिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज भेजने का चलन बढ़ा है, जिसका सीधा असर समाज पर पड़ रहा है। वहीं समाज में असली पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है। जबकि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य है सूचना देना, घटना के पीछे छिपे कारणों की – तालाश करना, घटना के प्रति लोगों को जागृत करना, घटना के पक्ष या विपक्ष में लोगों को जागरूक करना, जनता की रूचि निर्माण करना और उन्हें दिशा देना।न की असूली करना।
(रमेश यादव गाजीपुर के फेसबुक वॉल से)