गाजीपुर-तूंम घामड़ थे और घामड़ ही रहोगे

गाजीपुर – दोस्तों नमस्कार आज बहुत दिनों के बाद गोरा बाजार में गुड्डू चाय की दुकान पर मेरे पुराने मित्र बातूनी मियां मिल गए और कुछ क्रोधित लहजे में बोलने लगे, तुम इतने दिन कहां रहे ? मैंने कहा मित्र बातूनी कुछ तबीयत नासाज थी इसलिए आपसे मुलाकात नहीं हो पाई।गूड्डू को दो चाय की आर्डर दे कर बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ते हुए मैंने कहा की मियां बातूनी जंगीपुर विधानसभा में एक सड़क को लेकर सपा और भाजपा में बड़ा हंगामा मचा हुआ है। इस पर कुछ विचारशील मुद्रा में सोचते हुए मियां बातूनी ने कहा की जंगीपुर विधानसभा का विधायक समाजवादी पार्टी का है और केंद्र और प्रदेश में सरकार भारतीय जनता पार्टी की है इसलिए जंगीपुर-लावा संपर्क मार्ग का मरम्मत नहीं हो पा रहा है, क्योंकि प्रदेश में सत्तारूढ़ सरकार है भाजपा की है और विपक्षी विधायकों के विधानसभा में कार्य न के बराबर करती है।इस पर मैंने बातूनी को जवाब देते हुए कहा कि मियां वर्ष 2012 में जब जंगीपुर विधानसभा का सृजन हुआ तो उसे समय समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वर्गीय कैलाश यादव पहले विधायक बने और अखिलेश सरकार में मंत्री भी थे।उनके जीवन काल में ही जंगीपुर- लावा संपर्क मार्ग की बदहाली को लेकर एक धरना प्रदर्शन और आंदोलन हुआ।उस आन्दोलन में एक महाविद्यालय के प्रोफेसर सहित कई छात्र नेताओं को पुलिस ने बड़ी बेरहमी से मारा पीटा और थाने में बंद किया था।इसके बाद भी जंगीपुर – लावा मार्ग की हालत नहीं सुधरी।मेरा इतना कहते ही बातूनी भाई भड़क गए और कहने लगे कि आज सरकार भारतीय जनता पार्टी की है और मुख्यमंत्री योगी जी के चाहते कहे जाते हैं एमएलसी साहब, भाजपा के एक फायर ब्रांड युवा नेता ने बताया कि एमएलसी के द्वारा जंगीपुर- लावा के मार्ग के चौड़ीकरण के लिए एस्टीमेट बनवाकर लखनऊ भिजवाया गया है और वह मुख्यमंत्री कार्यालय में पेंडिंग है।आप ही बताओ की एमएलसी साहब के समर्थक लोगों से यही कहते फिरते हैं कि एमएलसी साहब माननीय मुख्यमंत्री जी के बहुत ही करीबी और प्रिया है। आए दिन सोशल मीडिया x (ट्विटर )पर फोटो के साथ लिखा दिखता है कि निरहुआ- घुरहुआ विधायक की माननीय मुख्यमंत्री जी से शिष्टाचार भेंट करते हैं और उसकी फोटो सोशल मीडिया x पर पोस्ट करते हैं, तो क्यों नहीं मुख्यमंत्री के चाहते एमएलसी साहब अपने प्रस्ताव को मुख्यमंत्री से स्वीकृति देने का अनुरोध करते हैं। मैंने बातूनी को समझाने के लिए कहा कि मियां यहां जनता से किसी को कुछ लेना-देना नहीं है बस राजनीति की रोटियां सेंकना है।अगर स्व0कैलाश यादव, विधायक बिरेंद्र यादव चाहे होते तो यह सड़क कब कि बन गयी होती। मेरे इतना कहते ही मियां बातूनी भड़क गये और गुस्से से उबलते हुए कहने लगे तूम घामड़ थे और घामड़ रहोगे।चाय खत्म करते हुए मेरी तरफ आंखें तरेरते चाय की दुकान से चलते बने।मैं उनसे घामड़ शब्द का अर्थ पुछता ही रहा लेकिन मियां रूके नहीं।