गाजीपुर: बिजली विभाग में गेमचेंजर है बड़े बाबू
गाजीपुर:विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय आमघाट में विद्युत उपभोक्ताओं का बिल संशोधन के नाम पर बरगलाया एवं गुमराह किया जा रहा है वही कमर्शियल उपभोक्ता का विभाग की लापरवाही से डबल कनेक्शन बहुत उपभोक्ताओं का हुआ है। जिससे उपभोक्ता अपना गलत कनेक्शन बंद कराने के लिए ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं,और बंद करने के नाम पर बिल को सही होने का दावा बड़े बाबू मनीष कुमार द्वारा कही जा रही है जबकि विभाग के अधीक्षण अभियंता,अधिशाषी अभियंता,सहायक अभियंता,अवर अभियंता की रिपोर्ट भी लगा है गलत बिल बंद करने का , परन्तु इस दबंग बाबू मनीष कुमार द्वारा रिपोर्ट को नहीं मानी जा रही है। वाकया गाजीपुर लंका के कुलदीप गुप्ता की है जिनका डबल कनेक्शन विभाग की लापरवाही से दिनांक 5/2022 एवं 8/2022 को कमर्शियल एक किलोवाट का कर दिया गया था जिसमें उपभोक्ता के मोबाइल पर सिक्योरिटी जमा करने के लिए दो बार मैसेज आया जिसमें उपभोक्ता आमघाट ऑफिस में जानकारी के लिए चक्कर लगाते लगाते थक गया परन्तु सुनवाई शून्य रही।वही इस उपभोक्ता का डबल बिल जारी कर दिया गया जिसमें उपभोक्ता परेशान होकर सही अकाउंट नंबर 2621116989 का बिल नियमित जमा कर रहा है परंतु गलत अकाउंट नंबर 6199002127 को बंद कराने के लिए दफ्तर का चक्कर लगा रहा है। अगर बात करे आईजीआरएस पोर्टल का तो उस पर भी उपभोक्ता अपनी शिकायत किया एवं डीएम के संपूर्ण समाधान दिवस पर की एप्लीकेशन दिया मगर सभी जांच को बड़े बाबू मनीष कुमार ने अपने रसूख के दम पर नकार कर गलत रिपोर्ट प्रेषित कर दिया यह खेल जांच के नाम पिछले कई सालों से विभाग में चल रहा है। वही अगर गाजीपुर नगर के कमर्शियल उपभोक्ताओं की बात किया जाय तो 70 % उपभोक्ताओं का गलत बिल है जो मनीष बाबू द्वारा संशोधन नहीं किया जाता है एवं गलत बिल वसूली के लिए विभागीय अधिकारी भी धौंस दिखाकर एवं एफआईआर का डर दिखाकर बिल उपभोक्ताओं से जमा करा लेते है या फिर मोटी रकम बाबू और एसडीओ द्वारा उपभोक्ताओं से मांगा जाता है फिर बिल संशोधन किया जाता है।
वही एक कमर्शियल उपभोक्ता जीवन लाल चौरसिया का मामला है जिसका विद्युत कनेक्शन का पीडी सन 2017 में विभाग के अधिकारियों द्वारा उपभोक्ता ने कराया एवं पीडी कराकर उसी समय दिनांक 23,11,2017 को नया कमर्शियल कनेक्शन भी कराया जिसका बिल समय से जमा करते आ रहा है। वही पुराने कनेक्शन जिसका मीटर एवं केबिल चार्ज का पैसा भी जमा कराया गया एवं नो ड्यूज का पेपर भी दिया गया तथा डिस्पैच भी कराया गया जबकि सन 2017 में आमघाट में दो डिविजन एक में था। उस दौरान से पीडी का पेपर उपभोक्ता लेकर आमघाट ऑफिस का चक्कर लगाते लगाते थक गया परंतु इसका पीडी का कनेक्शन आज तक विभागीय कंप्यूटर से डिलीट नहीं किया गया वही विभाग के अधिकारी इस पेपर को फर्जी मनमानी तरीके से मान रहे है। जबकि ऐसे बहुत सारे नगर में विद्युत उपभोक्ता हैं जिन्होंने अपना कनेक्शन कटवा कर नो ड्यूज का पेपर तो विभाग द्वारा ले लिए है मगर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से उस कनेक्शन को सिस्टम द्वारा डिलीट नहीं किया जाता है। वही विद्युत विभाग नगर में और तमाम प्रकरण जैसे गलत विद्युत चोरी में एफआईआर,आरसी,नोटिस की तमाम शिकायतें लगातार मिल रही हैं जो इन सब चीजों द्वारा भोले भाले उपभोक्ताओं को विभागीय कर्मियों द्वारा डराया धमकाया जा रहा है जो समय रहते विभाग के अधिकारी तत्परता नहीं दिखाए तो कभी भी आम जनता का गुस्सा विभाग के खिलाफ भड़क सकता है।