गाजीपुर-भडा़सी बाबा का विहार चुनाव विशलेषण

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गाजीपुर-भोजन करने बैठा तो टीवी खोल दिया। एबीपी न्यूज़ चैनल पर फारबिसगंज से मोदी के चुनावी भाषण का लाइव प्रसारण आ रहा था। बंदे की थेथरई देखिए कि अब भी वह विकास के नाम पर वोट मांग रहा है। अर्थव्यवस्था माइनस में है, अडानी-अम्बानी के साथ पार्टनरशिप में देश का हर सरकारी उपक्रम बेचता जा रहा है, बेरोजगारी-महंगाई चरम पर है, पर बंदा अब भी कह रहा है कि विकास के लिए वोट दो!

तेजस्वी ने फेंकू की स्टाइल पकड़ ली है और उसी की स्टाइल से उसे मात दे देगा। मोदी पंद्रह लाख अकाउंट में देने का जुमला उछालकर सत्ता में आया। तेजस्वी दस लाख रोजगार का जुमला सेट कर चुका है और सत्ता में आ जाएगा।

वैसे भी राजनीति में नए खून को प्रीफरेन्स दिए जाने का पक्षधर हूँ।

नीतीश कुमार और सुशील मोदी जैसे बुड्ढों को वोटरों द्वारा रिटायरमेन्ट पर भेजा जाना जरूरी है।

याद है वो सीन जब बाढ़ के वक़्त घर में पानी घुसने से सुशील मोदी परिवार समेत सड़क पर खड़ा था?

तब भी वह उपमुख्यमंत्री था।

ये अक्षम शासकों का सर्वाधिक सटीक चित्रण वाला चित्र था।

याद है वो सीन! एक मूर्ख शासक की सनक के चलते अचानक लगाए गए लॉकडौन के बाद पूरे देश से गरीब बिहारी मजदूर पैदल ही रोते बिलखते बिहार की ओर चला जा रहा था।

तब भी यही गांजा कुमार और लंढूर मोदी बिहार की सत्ता मिलजुल कर संचालित कर रहे थे और उन दिनों ये सब कुछ से बेपरवाह तपस्या में लीन थे।

एबीपी न्यूज़ वाले लाइव भाषण खत्म होने के बाद भी येन केन प्रकारेण मोदी के भाषण को अलग अलग एंगल-इंट्रो के जरिए दिखाए जा रहे थे। बिकाऊ चैनलों की यह पहचान होती है। कोई खास कन्टेन्ट न होते हुए भी सत्ताधारी मुखिया का अल्ल बल्ल सल्ल दिखाते ही रहेगा।

मोदी के किसी भाषण में बुनियादी मुद्दों पर एक शब्द न था, कोई एक जेनुइन वादा न था। बस एक धूर्त नेता की तरह दूसरों को गरियाते हुए, दूसरों का भय दिखाते हुए अपने पक्ष में जबरदस्ती वोट डलवा लेने की ज़िद दिखी।

मुझे कहने में कोई गुरेज नहीं कि मोदी इस देश का सबसे असफल प्रधानमंत्री है- रोजगार, महंगाई, अर्थव्यवस्था और विकास के मामले में। यही चार चीजें जब सकारात्मक मोड में होती हैं तो देश की चार लाख चीजें खुद ब खुद बेहतरी की स्पीड पकड़ लेती हैं।

ट्रिपल तलाक़, मंदिर समेत कई चीजें मोदी की सफलता लिस्ट में हैं। समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून वाला काम भी मोदी को कर देना चाहिए ताकि कठमुल्लों की जाहिलियत से देश को हो रहे नुकसान से बचाया जाए। (पत्रकार यशवंत सिंह के फेसबुक वाल से )

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