ग़ाज़ीपुर

गाजीपुर: मंत्री जी के लेटर बम से बैखौफ ठेकेदार

गाजीपुर:इस समय पंचायत राज मंत्री धड़ाधड़ ठेकेदारों तथा उनके फार्मो के खिलाफ टीएससी जांच के लिए प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को लेटर लिख रहे हैं और जनपद के प्रमुख समाचार पत्र प्रतिदिन खबर लग रहे हैं की मंत्री जी के लेटर बम से लोक निर्माण विभाग और ठेकेदारों में हड़कंप पर मचा हुआ है। गाज़ीपुर टुडे ने जब मंत्री जी के लेटर बम से होने वाले नुकसान के बारे में लोक निर्माण विभाग के एक ठेकेदार से उनके नफा और नुकसान पर चर्चा किया तो ठेकेदार ने हंसते हुए बेखौफ अंदाज में कहा कि जनपद में पहली बार टीएससी जांच  पहली बार आ रही है। इससे पहले भी अनेक माननीयों ने नाराज ठेकेदारों से के खिलाफ शासन में टीएससी जांच के लिए पत्र लिखा है और टीएससी जांच आई और जांच करके चली गई। जब पूरे देश का सिस्टम ही मैनेज होने की बीमारी से ग्रसित है तो  टीएससी जांच करने वाले को भी ठेकेदार विभाग के एक्सिएन,जेई,एई मैनेज कर ही लेंगे। उसके इतना कहने के बाद मैंने उसे अगला सवाल दागा कि आखिर माननीय शासन को खराब गुणवत्ता को लेकर लेटर लिखने की और जांच करने की मांग करने की क्या आवश्यकता है ? इस पर ठेकेदार ने बताया की हर माननीय अपने विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में कराए जाने वाले काम को लेकर ठेकेदार से इलाकाई शुल्क की मांग करता है। ठेकेदार जब शुल्क नहीं देता है माननीय उसके खिलाफ उसके कार्यों के लिए शासन को, प्रमुख सचिव को प्रमुख अभियंता को, मुख्य अभियंता को जांच के लिए पत्र लिखता है, यह कोई नई बात नहीं है। मैंने पूछा ऐसा क्यों होता है ? तब उस अनाम ठेकेदार ने बताया की कभी-कभी माननीय चाहते हैं कि उसके सिस्टम में फिट बैठ ठेकेदार ही उसके निर्वाचन क्षेत्र में काम करे लेकिन जब से ऑनलाइन ई- टेंडरिंग का शुभारंभ हुआ है माननीय के न चाहने के बाद भी कोई  ठेकेदार किसी भी टेंडर पर मुंबई, दिल्ली बैठ कर हुआ सबसे विलो टेंडर डालकर काम ले सकता है। ठेकेदार जब अनेक ठेकेदारों के कंपटीशन की वजह से विलो काम लगा तो निश्चित तौर से काम की गुणवत्ता प्रभावित होगी।जब ऑनलाइन ई-टेंडरिंग के माध्यम से ठेकेदार ठेका लेगा तो वह माननीयों को सुविधा शुल्क या कमिशन क्यों देगा ? अजब ठेकेदार माननीयों को उनका कमीशन नहीं देगा तो स्वाभाविक है ये ठेकेदार के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजेंगे ही भेजेंगे। इससे नुकसान सिर्फ इतना होगा कि जो सुविधा शुल्क माननीय को देनी है वह सुविधा  शुल्क टीएससी जांच करने वाले अधिकारियों, इंजीनियरों को देना पड़ेगा और टीएससी जांच करने वाले अधिकारी ठेकेदार , विभाग को बचाने के लिए तथा माननीय को खुश रखने के लिए काम में थोड़ी बहुत खराब गुणवत्ता दिखाकर रिपेयरिंग या मेंटिनेंस का आदेश देकर दोनों को खुश कर देंगे। ठेकेदारों के बेखौफ होने का मतलब यही था कि माननीय के लेकर बम का कोई विशेष प्रभाव पड़ने वाला नहीं है। माननीय के लेटर लिखने का मतलब ठेकेदार,जेई,एई,एक्सियन, पत्रकार, टीएससी जांच टीम सभी जानते हैं।