गाजीपुर-महिनों बाद मिले,खिले चेहरे

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गाजीपुर। यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूल सोमवार से खुल गए। इसको लेकर बच्चों की अपेक्षा बच्चियों में ज्यादा उत्साह दिखा। हालांकि शासन की गाइडलाइन के अनुसार फिलहाल कक्षा-9 से 12 तक की ही कक्षाएं संचालित होंगी। पहली पाली में सुबह 8 से 11 कक्षा 9 व दस तथा दूसरी पाली में कक्षा 11 से 12 तक सुबह 11 से शाम 2 बजे तक बच्चे होंगे। पहले दिन लगभग हर स्कूल में कोविड-19 का प्रोटोकॉल का पालन होता दिखाई दिया। बच्चे मास्क लगाए थे। कक्षाओं में 6 फीट की दूरी पर बच्चे बैठे थे। प्रतिदिन 50 फीसद बच्चों को बुलाना है। कुछ स्कूलों में 50 फीसद की उपस्थिति दिखी तो कहीं 30-40 फीसद ही बच्चे नजर आए। उपस्थित बच्चे शासनादेश के तहत अपने पैरेंट्स का सहमति पत्र लाये थे। शिक्षकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत दिखी। हालांकि कुछ जगह पाली के मामले में गाइड-लाइन के उलट स्थिति दिखी। कुछ स्कूल में कक्षा नौ-दस के बच्चे पहली पाली में ही बुला लिए गए थे तो कहीं एक ही पाली के लिए कक्षा 11-12 के बच्चे बुलाए गए थे। जीजीआईसी में पहली पाली में कक्षा 9 तथा 10 की बच्चियों को बुलाया गया था। प्रिंसिपल सुधा सिंह ने बताया कि गाइड-लाइन के हिसाब से 50 फीसद बच्चियों को बुलाया गया। लगभग वह सभी आईं थीं। लूदर्स कान्वेंट की प्रधानाचार्य सिस्टर अल्फोंसा ने बताया कि स्कूल आने वाली सभी छात्राओं को मुख्य गेट पर सैनिटाइजर से हाथ धुलवाया गया। सभी बच्चियां मास्क लगाकर आई थी। सरकार के गाइड-लाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। संयुक्त निदेशक नोडल अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने यूपी बोर्ड ने स्कूलों के खुलने के पहले दिन कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कई स्कूलों का जायजा लिया और प्रधानाचार्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। इस संबंध में डीआईओएस भी निकले ओपी राय बताया कि लूदर्स बालिका इंटर कालेज, जीजीआईसी, टाउन नेशनल इंटर कॉलेज सैदपुर, हनुमान सिंह इंटर कॉलेज देवकली वगैरह पर वह पहुंचे। बताया कि आज से 9 से 12 तक की कक्षाएं प्रारंभ हुई है। आज पहला दिन है। प्रदेश सरकार ने बच्चों और विद्यालय के हित में अच्छा कदम उठाया है। बच्चों के साथ ही शिक्षक खुश हैं। सभी जगह कोविड हेल्प डेस्क बना हुआ है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट मिशन शक्ति चल रहा है। उसके लिए जागरूकता के लिए विद्यालयों में बैनर-पोस्टर लगाया गया है। टाइम टेबुल अलग से बच्चों के लिए बनाया गया है। ज्वाइंट डायरेक्टर वाराणसी को शासन ने नोडल अधिकारी नामित किया है। उनके साथ कई विद्यालयों का निरीक्षक किया गया। सभी जगह पढ़ाई होती मिली। कई विद्यालयों में साफ-सफाई ठीक रखने के साथ ही अन्य दिशा-निर्देश दिया गया। कई महिनों बाद स्कूल खुलने पर दोस्त से मिलकर दोस्तों के चेहरे खिल उठे थे। ( छायाचित्र प्रतिक

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