गाजीपुर में यहां शुरू हुई चन्दन की बागवानी

गाजीपुर-भारतीय चंदन की दुनिया के सभी देशों में काफी मांग है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय चंदन की बढती मांग को देखते हुए भारत सरकार ने चंदन को औषधीय वृक्ष की श्रेणी में डाल दिया है। हिंदुस्तान में 6000 मेट्रिक टन चन्दन की मांग है लेकिन हमारे देश में मात्र 100 मेट्रिक टन चंदन ही पैदा होता है । चन्दन बागवानी बहुत ही लाभदायक है। चंदन के लिए काली ,लाल ,दोमट, बंजर भूमि काफी उपजाऊ है ,अगर पानी या सिंचाई की उचित व्यवस्था हो तो चंदन के पौधे बारहों मास लगाए जा सकते हैं । चंदन के वृक्ष को बहुत अधिक उर्जा की भी आवश्यकता नहीं होती है इन्हीं सब बातों को देखते हुए थाना जंगीपुर क्षेत्र के तारनपुर गांव निवासी सिद्धार्थ सिंह का रुझान इस तरह बढ़ा। सिद्धार्थ सिंह वर्तमान समय में 5 बिस्वा में लाल और सफेद चंदन के पौधे लगा रखे हैं ।चंदन के बागवानी में सहयोगी फसल के रूप में सब्जी की भी बुवाई कर दोहरा लाभ ले रहे हैं । चंदन के बागवानी से लाभ के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया सफेद चंदन का पौधा 15 साल में तैयार हो जाता है और उस समय चंदन की एक वृक्ष की कीमत ढाई लाख रूपय के आसपास होती है । सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि 5 बिस्वा में चंदन की बागवानी कर रहा हु और 5 बिस्वा और लगाने जारहा हुँ । जा रहा हुँ। सिद्धार्थ सिंह से जब पूछा गया कि अगर किसी को चंदन के पौधे चाहिए तो कहां मिलेगा , सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि जिसको भी चंदन के पौधे चाहिए वह हमसे संपर्क कर सकता है। सिद्धार्थ सिंह से जब पूछा गया कि आप चंदन की बागवानी में क्यों आए ? तो उन्होंने कहा कि मैं पढ़ा -लिखा बेरोजगार नौजवान हूं और इस बेरोजगारी से लड़ने का एकमात्र उपाय मुझे चंदन के पेड़ों में ही दिखाई दिया। सिध्दार्थ सिंह – 09889187666,तारनपुर -जंगीपुर