गाजीपुर: रोती सड़क और राहगीर, मस्त ठेकेदार और सरपरस्त
गाजीपुर: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत एक ऐसी भी सड़क का निर्माण हुआ है जो दो वर्ष के भीतर ही पूरी तरह से जर्जर हो गई और अभी तक इस सड़क का अनुरक्षण (मेंटेनेंस) का कार्य एक बार भी नहीं हुआ। सड़क की हालत पूरी तरह से दयनीय हो चुकी है। इस पर चलना यानि जान जोखिम में डालने के बराबर है। सड़क की पटरियों पर झाड़ियां उग गई है। जिसके चलते सड़क की चौड़ाई भी काफी कम हो गई है। विभागीय सूत्र बताते है कि जिस ठेकेदार ने इस सड़क का निर्माण कराया है वह सत्ता पक्ष में अपनी मजबूत घुसपैठ जमाये हुए है। जिसके चलते विभाग के अधिकारी भी उस पर अनुरक्षण कार्य कराने का दबाव नहीं बना पाते है। सूत्र बताते है कि एक-दो बार विभाग ने नोटिस भी जारी की, लेकिन बाद में किसी दबाव में आकर विभागीय अधिकारियों ने खुद ही उस नोटिस को दबा दिया। कुल मिलाकर इस मार्ग पर वर्ष 2027 तक अनुरक्षण का कार्य होना है, लेकिन मार्ग की दशा देखकर यही लग रहा है कि समयावधि पूर्ण हो जाने के बाद भी इस मार्ग पर अनुरक्षण का कार्य होना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।
योजना के तहत बनी सड़क का ब्यौरा——-
मार्ग का नाम लखमीपुर सोनबरसा से अलावलपुर है। अटवांमोड़ तिराहे के पास से यह मार्ग गुजरता है। मार्ग की कुल लम्बाई 7.500 किमी है। इसको बनाने में कुल लागत 499.06 लाख लगा है। इस मार्ग के पांच वर्ष के अनुरक्षण की लागत 51.79 लाख है। मार्ग का निर्माण कार्य 17 जून 2021 में प्रारम्भ हुआ। 16 जून 2022 में निर्माण कार्य पूर्ण भी हो गया। इसके अनुरक्षण ( मेंटेनेंस ) का कार्य 17 जून 2022 से 16 जून 2027 तक है।
जर्जर सड़क की कहानी ग्रामीणों की जुबानी———
1- सड़क का निर्माण कार्य 16 जून 2022 में पूर्ण हो गया, लेकिन उसके कुछ ही माह बाद सड़क धीरे-धीरे जर्जर होने लगी। सड़क की गिट्यिां जगह-जगह से उखड़ने लगी। देखते ही देखते सड़क गड्ढ़ों में तब्दील हो गई। अब आलम यह है कि इस सड़क पर राह चलना भी मुश्किल हो गया है। रोजना इस मार्ग पर छोटे-बड़े हादसे होते है। जब ठेकेदार को सड़क मरम्मत का कार्य दिया गया है तो उसे उसे पूर्ण कराना चाहिए, लेकिन न जाने क्यो दो वर्ष बीतने के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं हुई। सुनील यादव
2- जिस समय सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था उसी समय हमलोगों को लगा था कि मानक के अनुसार निर्माण कार्य न होने के चलते बहुत जल्द ही यह सड़क जर्जर हो जायेगी। अंत में नहीं हुआ जिसका हमलोगों को डर था। कुछ ही महीनों में सड़क जर्जर हो गई और आज भी खस्ताहाल स्थिति में बनी हुई है। इसी मार्ग पर इस्माइलपुर उर्फ मालीपुर गांव स्थित है। जहां बीच सड़क पर इतना बड़ा गड्ढा बना हुआ है कि उसे पार करना मुश्किल हो गया है। निवास कुमार
3- जब सडत्रक के अनुरक्षण का कार्य 2027 तक निर्धारित किया गया है तो विभाग को चाहिए कि वह ठेकेदार पर दबाव बनाकर अनुरक्षण का कार्य पूर्ण कराये, लेकिन लग रहा है कि खुद विभागीय अधिकारी ठेकेदार के दबाव में आ गये है। इसलिए अनुरक्षण का कार्य नहीं हो रहा है। अश्वनी
वर्जन—-
ऐसा नहीं है कि विभाग ठेकेदार के दबाव में है। सड़क जर्जर हो गई है तो उसकी जांच कराकर ठेकेदार को अनुरक्षण का कार्य कराने के निर्देश दिया जायेगा। अनुरक्षण का कार्यकाल वर्ष 2027 तक है। इसलिए हर हाल में ठेकेदार को अनुरक्षण का कार्य पूर्ण करना होगा। जयप्रकाश यादव- अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई
वर्जन—–
मेरी वार्ता कॉन्ट्रैक्टर हो चुकी है। उन्होंने मुझसे तीन दिन का समय मांगा है। इसके बाद वह अनुरक्षण (मेंटेनेंस) का कार्य शुरु कर देंगे। निधि- जेई, पीएमजीएसवाई(सभार-डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट)