ग़ाज़ीपुर

गाजीपुर – संप्रदायिक आग में जलते-जलते बचा कासिमाबाद

गाजीपुर :कासिमाबाद कोतवाली क्षेत्र के सोनवरसा गांव स्थित नबाब मीर कासिम का किला उर्फ फांसी घर के पर पूर्वी छोर के पास देई मां का स्थान क्षतिग्रस्त होने के बाद हिंदू पक्ष द्वारा नवनिर्माण किए जाने पर मुस्लिम पक्ष ने अवरोध पैदा कर दिया। इसको लेकर शुक्रवार की सुबह हिंदू पक्ष की महिलाएं और पुरुष परंपरागत धार (जल)चढ़ाने से रोक दिया ।प्रशासन से मांग किया कि जब तक निर्माण नहीं होगा तब तक धार नहीं चढ़ेगा।तनाव को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों  की उपस्थिति में दोनों पक्षों मध्य यह तय किया गया कि हिंदू पक्ष देई मां के स्थान पर लोहे की इंगल लगाक  और उसके चारो तरफ लोहे की जाली लगाने के बाद एक दरवाजा लगेगा। इसके बाद मामला शांत हुआ और सभी लोग धार (जल) चढ़ाकर शांति पूर्वक वापस चले गए । इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।

जानकारी के अनुसार कासिमाबाद कोतवाली क्षेत्र में सोनवरसा,बिशनपुर,सुकहा आदि गांव के ग्रामीणों के द्वारा सावन के महीने में  कई दशकों से परंपरागत तरीके से धार चढ़ाया जाता हैं। सोनवरसा काली मंदिर से सैकड़ो की संख्या में महिलाएं पुरुष क्षेत्र के चार फाटक के लोग मंदिर पर चढ़ाते हैं। दस अगस्त को लोगों का धार चढ़ाने के लिए जब फांसी घर उर्फ मीर कासिम के किले के पूरी छोर स्थित देई माई मंदिर पर पहुंचे तो देखा की मूर्ति के आसपास का स्थान क्षतिग्रस्त है ।जिस पर लोगों के द्वारा चंदा इकट्ठा कर मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत निर्माण कार्य चल रहा था। यह सूचना मिलते ही मुस्लिम पक्ष के लोग बुधवार की देर शाम आपत्ति जताते हुए यह कहा कि यहां पर 1982 के तहत सुलहनामा किया गया है कि इस स्थान पर कोई नवनिर्माण नहीं किया जा सकता। जिसकी शिकायत पर प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य रोक दिया गया। यह जानकारी मिलते ही शुक्रवार की सुबह 8 :30 बजे जब सैकड़ो की संख्या में व्रती महिलाए व पुरुष धार चढ़ाने के लिए पहुंचे तो देखा की निर्माण कार्य रुका हुआ है।जिस पर अक्रोषित हिंदू पक्ष के लोगों ने धार चढ़ाने से मना करते हुए धरने पर बैठ गए।लोगों का कहना था कि जब तक मूर्ति स्थल पर चबूतरे का निर्माण नहीं होगा तब तक हम लोग धार नहीं चढ़ाएंगे ।इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन के हाथ पर फूल गए और एसडीएम की उपस्थिति में दर्जनों थाने की पुलिस बल के  साथ फांसी घर छावनी में बदल गया। कासिमाबाद एसडीएम आशुतोष कुमार की पहल पर दोनों समुदाय के लोगों को वार्ता के लिए बुलाया गया। यह वार्ता सुबह 9 बजे से एक बजे तक चला लेकिन विफल रहा। इसी बीच एक मुस्लिम पक्ष के द्वारा हिंदू देवी देवता को लेकर टिप्पणी करने पर भाजपा यूवा मोर्चा  के जिला अध्यक्ष विश्व प्रकाश अकेला से तनातनी हो गई। माहौल को बिगड़ता देख मुस्लिम पक्ष द्वारा नारा-ए- तकबीर का नारा बुलंद होते ही हिंदू पक्ष के लोग जय श्री राम का नारा लगाने लगे । माहौल बिगड़ता देख एक बार फिर पुलिस प्रशासन दोनों पक्षों को शांत करने के लिए लाठिया भांजना पड़ा। किसी तरह फिर मामले को प्रशासन ने शांत कराया।
इस दौरान मुस्लिम पक्ष के लोग जूमें की नमाज पढ़ने चले गए।जब लौटकर आए तो पुनः वार्ता की पहल की गई
।मामला को बिगड़ता देख जनपद से ग्रामीण एसपी बलवंत चौधरी पहुंचे और पुनः एसडीएम आशुतोष कुमार की अध्यक्षता में मुस्लिम समुदाय और हिंदू समुदाय के लोगों की बैठक करने के बाद 2:30 बजे दोनों पक्षों बीच तय किया गया कि हिंदू पक्ष देई मां के स्थान पर लोहे की इंगल लगाकर सेड लगाना और उसके चारो तरफ लोहे की जाली लगाने के बाद एक दरवाजा लगेगा।जिसके बाद
मामला शांत हुआ। विवाद शांति होने के बाद देर शाम तीन बाजेवहिंदू पक्ष के लोग देई माई के मूर्ति पर धार को चढ़ाया और देई माई के जयकारे से पूरा वातावरण भक्ति में हो गया।उसके बाद घर के लौट गए। तब जाकर प्रशासन में राहत की सांस ली।

इस संदर्भ में कासिमाबाद एसडीएम आशुतोष कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की बैठक कर मामले को सुलझा दिया गया है। मूर्ति स्थल पर दोनों पक्षों की राजा मंदी से चबूतरे का निर्माण लोहे की इंगल लगाकर टीन सेड लगाना उसके चारो लोहे की जाली लगाने के साथ एक दरवाजा लगेगा। इस प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों की शांति समिति कमेटी बनाकर सुलहनामा लिखाया गया है जिसमे आगे से कोई नवनिर्माण नहीं करेगा।फिरहाल मामला शांतहै। वैसे पुलिस और प्रशासन के त्वरित और जिम्मेदारी की जितनी तारीफ किया जाये कम है।