गाजीपुर 09 अगस्त, 2023 (सू0वि0) – जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने सर्पदंश प्रबंधन पर जारी की एडवाइजरी राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण, भारत सरकार नई दिल्ली एवं प्राधिकरण लखनऊ के माध्यम से भारत और उत्तर प्रदेश में घटित सर्पदंश की घटनाएं प्रायः बढ़ने के दृष्टिगत उससे होने वालें नुकसान और बचाव हेतु जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, गाजीपुर द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।
जिलाधिकारी महोदया द्वारा बताया गया कि वर्षाकाल के दौरान सर्प अपने स्थानों से निकलकर सुरक्षित स्थानों को ढूढते-2 आवासीय क्षेत्रों में चले आते है जिससे सर्पदंश की घटना घटित हो जाती है। सर्पदंश से होने वाली मौत को कम करने के लिए प्रत्येंक चिकित्सा केन्द्र पर पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम व अन्य दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होने कहा कि सभी सीएचसी, पीएचसी पर मुख्य चिकित्साधिकारी स्वयं एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता की जंाच करें। सर्पदंश से बचाव संबंधी आईईसी मैटेरियल राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट के लिंक डाउनलोड कर सोशल मीडिया, रेडियों, न्यूज पेपर, टी0वी0 आदि के माध्यम से प्रसारित कराया जाए।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरूण कुमार सिंह द्वारा उपलब्ध एडवाइजरी के माध्यम से लोंगो से अपील की गई है कि सर्पदंश से बचाव व उसके लक्षण के विषय में जानकारी प्राप्त कर स्वंय बचे एवं दूसरे को भी बचाने का कार्य करें तथा साथ ही साथ एक दूसरे को जागरूक कर जनहानि की घटना को कम करने का प्रयास करें।
सांप के काटने पर क्या न करें – बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें। सर्प से प्रभावित व्यक्ति के कटे स्थान पर टुर्निकेट ( तेज कपड़े से न बांधे ) । इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती है। काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए। यह आगे नुकसान पहुॅचाता है। घायल को चलने से रोकें। शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें। मुंह से कटे हुयें स्थान को न चुसे। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये।
तुरंत क्या करें- काटे गये जगह को साबून व पानी से धोए। दांत के निसान की जॉच करें, कही जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नहीं। काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें। सर्पदंश वाले अंग को स्थिर (फिक्स) करें। बैंडेज घाव पर और उसके उपर लगाये। घायल व्यक्ति को सांत्वना दे, घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जायेगा। तुरंत बड़े अस्पताल ले जाए। एंटी वेनम का इंजेक्शन डाक्टर से लगवाएं।
आपदा विशेषज्ञ अशोक राय द्वारा बताया गया कि सर्पदंश के काटने पर झाड़ फूंक के चक्कर मेेेें न पड़े अस्पताल में इलाज कराने की दी सलाह । भारत में विषैले सर्प मात्र 15 प्रतिशत ही है। जिसके सापेक्ष भारत में लगभग प्रत्येक वर्ष 45-46 हजार मृत्यु सर्पदंश से होती जिसका प्रमुख कारण लोगों मेे अज्ञानता व समय से इलाज न कराने के बजाय झाड़-फूक आदि पर ज्यादा विश्वास करने से होती है। भारत मे प्रमुख विषैल सर्प कोबरा कैरत, स्कैल्ड वाईपर व पिट्ट वाईपर पाये जाते है जो प्रायः उत्तर प्रदेश , बिहार , महाराष्ट्र , राजस्थान , केरल , तमिलनाडु , उड़िसा व असाम आदि राज्यों के जंगलों में सर्वाधिक पाये जाते है। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये। भय एवं चिन्ता न करें सभी सॉप जहरीले नहीं होते है। सभी सॉपों के पास हर समय पूरा जहर नहींे होता । 2 अगस्त 2018 से सर्पदंश कों राज्य आपदा घोषित किया गया है। सर्पदंश से मृत्यु होने की दशा में मृतक के आश्रित को 4 लाख रूपयें की सहायता प्रदान किया जाता है। सर्पदंश से मृत्यु होने पर मृतक का शवनामा एवं पोस्टमार्टम अनिवार्य रूप से काया जाना जरूरी है। सर्पदंश के लक्षण -सर्पदंश के लक्षण वाले स्थान पर तेज दर्द होना, बेहोशी आना, सर्पदंश वाले हिस्से में सूजन, ऑंखों के पलकों का भारी होना, पसीना आना, उल्टी महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों मे धंुधुलापन छाना, आवाज का पतला होना या पिच में कमी आना, बोलने में कठिनाई होना, पेट दर्द होना, गहरे भूरे रंग का पेशाब आना, रक्त का थक्का जमना।
सर्पदंश के बाद प्रथम एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। इस दौरान पीड़ित को एंटी स्नेेक वेनम इंजेक्शन लग जाना चाहिए। सांप के डसने पर तत्काल अस्पताल आने वाले लोगों की प्रायः जान बच जाती है। सर्पदंश की घटना प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आती है। सर्पदंश होने पर जख्म वाले हिस्से पर चीरा नही लगाना चाहिए।
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