गाजीपुर- हाटकुक्ड के लूट में अब प्रधान और सभासद भी सहभागी

गाजीपुर-वर्ष 1975 में भारत सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से देश के कुपोषित बच्चों के सुपोषण हेतु समन्वित बाल विकास परियोजना की शुरुआत किया था। परियोजना का उद्देश्य था कुपोषण से ग्रस्त बच्चे, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराना, लेकिन भ्रष्टाचार ने इस विभाग को अपने मकड़जाल में ऐसा लपेटा की यह विभाग भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया। भ्रष्टाचार का ताजा मामला गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद बाल विकास परियोजना का सामने आया है। अपुष्ट खबरों के अनुसार मुहम्मदाबाद बाल विकास परियोजना के बाबू ,सीडीपीओ, सुपरवाइजर और ग्राम प्रधानों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में आया हाटकुक्ड का पैसा उतरवाकर लेलिया और आंगनबाडियों से कहा कि प्रधान जी हाटकुक्ड बनवायेंगे आप अपने सहायिका को भेजकर हाटकुक्ड मंगवा कर बच्चों को खिला देना। विभाग के दबंग और भ्रष्ट बाबू के डर से सभी आंगनबाडियों ने अपने-अपने खाते से पैसा उतार कर प्रधानों को देदिया। बाबू, सुपरवाइजर, सीडीपीओ और प्रधान ने उस पैसे को आपस में बांट लिया। सबसे बडा सवाल यहां यह उठता है कि 20 मई तक बे०शि०प० के विद्यालय संचालित होगें और वहां के बच्चों के लिए बनने वाले मिड-डे-मिल को प्रधान जी आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को हाटकुक्ड के रूप में खिलवा देगें लेकिन 20 मई के बाद क्या होगा ? इस संदर्भ में जब आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन गाजीपुर के जिला संरक्षक सूरज प्रताप सिंह से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि हाटकुक्ड म़े हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पोर्टल पर मै जांच करने की सिकायत करने जा रहा हुँ, गाजीपुर टुडे से उन्होंने वार्ता करते हुए बताया कि यह पुरे जनपद की समस्या है।