गाजीपुर-हाथों में आने से पहले नाज़ दिखाएगा प्याला-स्व०बच्चन जी

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“हाथों में आने से पहले नाज़ दिखाएगा प्याला,
अधरों पर आने से पहले अदा दिखाएगी हाला ।
बहुतेरे से इन्कार करेगा,साकी आने से पहले,
पथिक न घबरा जाना, पहले मान करेगी मधुशाला” ।
आज दिनांक 27 नवंबर को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के तत्वाधान में महान साहित्यकार हरिवंशराय बच्चन जी की जयंती के अवसर पर महासभा के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के चंदन नगर स्थित आवास पर संगोष्ठी आयोजित हुई । इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए महासभा के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने हरिवंशराय बच्चन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि हरिवंश राय बच्चन जी कालजई रचनाकार थे, मधुशाला उनकी मशहूर कृति थी, वह राज्यसभा के भी सदस्य रहे और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किए गए थे । वह भारतीय साहित्य के सर्वोच्च सम्मान सरस्वती सम्मान से भी सम्मानित किए जा चुके हैं । बच्चन जी की बहुत सी साहित्यिक कृतियां रही लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मधुशाला ने पारी । दुनिया में उनकी पहचान भी मधुशाला की वजह से ही बनी ।
इस गोष्ठी में मुख्य रूप से मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ,अजय श्रीवास्तव, शैल श्रीवास्तव, संजय सेवराई, चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ,मोहन लाल श्रीवास्तव ,अमर सिंह राठौर ,राजेश श्रीवास्तव, हरिश्चंद्र गौड़, गुलाब लाल,प्रवीण श्रीवास्तव, विपिन बिहारी वर्मा आदि उपस्थित थे ।

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