गाजीपुर- हे प्रभु, मेरी रज़ागंज पुलिस चौकी पर पोस्टिंग करा दे

गाजीपुर- गोराबाजार पुलिस चौकी पर तैनात एक पुलिस कांस्टेबल मित्र मिल गये , हमने पुछा मित्र क्या हाल है ? कांस्टेबल मित्र ने खुशामद भरे लहजे मे कहा कि मित्र कप्तान साहब के यहां कोई जुगाड़ है क्या ? मैने काहा मित्र क्या बात है ? कांस्टेबल मित्र ने कहा कि, मित्र मै रज़ागंज पुलिस चौकी पर अपनी पोस्टिंग कराना चाहता हुँ , मैने कहा क्यो तो उन्होंने कहा कि आप नही समझोगे , मैने कहा कि मै क्या नही समझूंगा तो उन्होंने फिर कहा कि आप नही समझोगे । मैने अपने बात पर बल देते हुए पुछा कि आप समझाते क्यो नहीं ? तो कांस्टेबल मित्र ने बडे ही रहस्यमय शब्दों मे बताया कि मित्र रज़ागंज पुलिस चौकी पर बडी कमाई है। मैने कांस्टेबल मित्र को कुरेदने के गरज से पुछा कि आखिर गोराबाजार पुलिस चौकी और रज़ागंज पुलिस चौकी मे क्या अन्तर है ? कांस्टेबल मित्र कुछ पल चुप रहने के बाद मेरी मेरे चेहरे को देखते हुए सोचते रहे कि मुझे बतावें या ना बतावें । मैने भी लोहा गर्म देखा और चोट करने के अवसर को गवाना उचित नही समझा और चोट करते हुए कह ही बैठा कि जब आप बतायेंगे ही नही तो मै जानूंगा कैसे ? अंततः कांस्टेबल मित्र ने कहाना शुरू किया कि वहाँ विहार से आने वाले अबैध लाल बालू लदे ट्रक,पषु तस्करी, कोयला लदे अबैध ट्रकों से बडी कमाई होता है। वहाँ पर तैनात कांस्टेबल प्रतिदिन कम से कम 2000/रूपया कमाता है। गोराबाजार पुलिस चौकी पर रहने का मतलब कालापानी की सजा है मित्र , मैंने अपने कांस्टेबल मित्र को सांत्वना देते हुए कहा , मित्र धैर्य रखना मै कुछ करता हुँ आपके लिए । ब्लॉग कल्पना पर आधारित है।

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