जनसमस्याओं के निस्तारण की फर्जी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को

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सेवामें –

जिलाधिकारी ग़ाज़ीपुर ,उत्तरप्रदेश

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जाएं तो जाएं कहाँ ********
१५ साल से चकमार्ग पर अतिक्रमण बरकरार
ग्राम -बिजहरी ,पोस्ट – ओडासन ,, तहसील – जखनियां ,जिला ग़ाज़ीपुर ,उत्तर प्रदेश

किन – किन अधिकारियों से अब तक की गई है शिकायतें

1 –

राज्यपाल श्री रामनाईक जी -१२ अक्टूबर २०१५ ,रजिस्ट्री पत्र द्वारा

2 –

पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव -८ अक्टूबर २०१४ , रजिस्ट्री पत्र द्वारा

3 –

मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी -९ अक्टूबर २०१७ रजिस्ट्री पत्र द्वारा

4 –

डॉ० आदर्श सिंह मुख्यमंत्री के विशेष सचिव

5 –

जिलाधिकारी ग़ाज़ीपुर के बाला जी ,- ९ अक्टूबर २०१७ , रजिस्ट्री पत्र द्वारा

6 –

मुख्यमंत्री जनशिकायत पोर्टल १६ अक्टूबर २०१७ ,शिकायत संख्या १२१९७१७०४२०५०६ ,३००९८७१७००१७४६

7 –

तत्कालीन जिलाधिकारी ग़ाज़ीपुर -नरेंद्र सिंह पाटिल इ मेल

8 –

उपजिलाधिकारी जखनिया -अरुण कुमार सिंह २८ नवम्बर २०१३

9 –

तत्कालीन उपजिलाधिकारी जखनिया -अमित कुमार ;५डिसम्बर २०१३

10 –

तत्कालीन उपजिलाधिकारी जखनिया -भानुप्रताप सिंह २३ मई २०१४

11 –

तत्कालीन उपजिला अधिकारी जखनिया -सतेंद्र श्रीवास्तव, २ दिसम्बर २०१४

12 –

तत्कालीन उपजिलाधिकारी जखनियां -सत्यम मिश्र ७ मई २०१६

13 –

तत्कालीन उपजिलाधिकारी जखनिया-शिवशरणप्पा ५ दिसंबर २०१७

14 –

संसद व केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ,विधायक सुब्बाराम २ दिसंबर २०१४ ,वर्त्तमान विधायक त्रिवे णी राम

15 –

सम्पूर्ण समाधान दिवस- ५ दिसंबर २००१७

16 –

जखनिया तहसीलदार -४ दिसंबर २०१७

17 –

तहसील दिवस -१५ जुलाई २०१६

18 –

तहसील दिवस -२०१४ जनवरी
कई बार इ मेल से जिलाधिकारी ग़ाज़ीपुर
कौन – कौन अधिकारिओं ने मौका मुआयना किया है
१-उप जिलाधिकारी अमित कुमार
२-उपजिलाधिकारी भानुप्रताप सिंह
३-उपजिलाधिकारी शिवशरणप्पा
कुछ नहीं हल निकला
चकमार्गों पर अतिक्रमण बरकरार
झूठी सूचना मुख्यमंत्री जनशिकायत पोर्टल पर तत्कालीन शिवराम यादव लेखपाल ने दी कि इसका निस्तारण ५ नवम्बर २०१७ व् १४ दिसंबर को कर दिया गया है.जबकि आज भी सड़क पर अतिक्रमण बरकरार है। करीब ४साल से यह लेखपाल यहाँ कार्यरत था और वह झूठी आख्या अधिकारिओं को देता रहता था।
अतिक्रमण का गाटा नम्बर ३९५ ,४०६ ,४०४ ४३१
अब सवाल उठता है कि आम आदमी किसके पास शिकायत करेगा जहाँ उसे न्याय मिल सके। यह सार्वजनिक सड़क है और हुरमुज पुर हाल्ट स्टेशन तक जाती है।लेकिन अतिक्रमण के चलते लोग परेशां है। अब लगता है कि योगी राज में भी न्याय मिलाना असंभव है ,क्योकि अधिकारी सही तरह से ध्यान नहीं देते हैं ,जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतान पड़ता है।
सुशील कुमार पांडेय ,[वरिष्ठ पत्रकार ]
दिनांक ४ जून २०१८ mo- 9324713526
अध्यक्ष – भारतीय पत्रकार संघ उत्तर प्रदेश
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