तीन पुलिस कर्मी गये जेल,बिभाग मे हडकंप

गाजीपुर- मरदह, 14 अप्रैल 1991 में तत्कालीन थानाध्यक्ष एमए काजी घरिहां गांव में विवाद की सूचना पर दलबल के साथ पहुंचे। आरोप है कि वह पहुंचते ही वे महिलाओं व पुरुषों को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे। इसका विरोध गांव के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक कुबेरनाथ सिह ने किया तो वे भड़क गए। आरोप है कि कुबेरनाथ सिह को बुरी तरह मारपीट कर घायल कर दिए। इस मामले में कुबेर सिह के पुत्र हरिकेश सिह ने पुलिस अधिकारियों को तहरीर दी तो वे लीपापोती में जुट गए। इसकी जानकारी होने पर हरिकेश ¨सिह ने शासन में शिकायत की। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक को मारने की घटना को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और पूरे मामले की जांच सीबीसीआइडी से कराई तो मामला सही निकला। इस मामले में सीबीसीआइडी ने 11 पुलिसकर्मियों समेत 15 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सभी आरोपियों ने कुछ दिनों बाद जमानत करा ली। जमानत के बाद अन्य को छोड़ एसआई सुदामा यादव, सिपाही रामदुलार व धर्मदेव तिवारी मुकदमे की तारीख पर नहीं आ रहे थे। जिससे कोर्ट की कार्रवाई बाधित होने लगी। लगातार कोर्ट में हाजिर नहीं होने से वादी हरिकेश ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाए। कोर्ट ने इस मामले मे आइजी वाराणसी से आख्या मांगी। उन्होंने हलफनामे के साथ यथाशीघ्र गिरफ्तारी का शपथपत्र दिया। कोर्ट के सख्ती के बाद जिला की पुलिस सक्रिय हुई और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। आरोपियों की ओर से जमानत की अर्जी दी गई लेकिन सुनवाई की तिथि 26 मई को तय की गई। अगले दिन सुनवाई होने के कारण तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि सभी 11 आरोपियों में तीन पुलिस कर्मियों की मौत हो चुकी है। वादी की तरफ से संजय कुमार राय ने पैरवी की है।

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