तो आखिर आह लग ही गयी राजकमल की चचा के बच्चा को
गाजीपुर- गाजीपुर की पत्रकारिता मे अपने बेबाक तेवर के लिये जाने जानेवाले बडे भाई राजकमल जी की आह शीलापट्ट मंत्री को आखिर मे खा ही गयी। बडे भाई राजकमल जी गाजीपुर के एक दैनिक के जब चीफ हुआ करते थे तो चचा ( राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार) के मंत्री बच्चा से भीड़ गये। बडे भाई की कलम ने जब मंत्री बच्चा का पोस्टमार्टम करना शरू किया तो गाजीपुर से लेकर लखनऊ और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक त्राहिमाम् -त्राहिमाम् करता हुआ बच्चा दौडने लगा । अपने प्यारे बच्चे की चींख-पुकार सुनकर , शिवरूपी चच्चा ने अपने आज तक संचित तप के प्रभाव से बच्चा की रक्षा करने की ठानी और बडे भाई को दैनिक के गाजीपुर ब्यूरो चीफ के पद से चलता कर दिया। बडे भाई का हस्र देख कर गाजीपुर की प्रिंट मिडिया के ब्यूरो चीफ लोग बच्चा से पंगा न लेने मे ही अपनी भलाई समझने लगे। ( यह एक काल्पनिक कहानी है और लेखक पर फगुनहटा का असर है)