दबंग स्टाफ नर्स और लेगी कितनों की जान

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुहम्मदाबाद में विशेषज्ञ डाक्टरों के अभाव में मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा न के बराबर है लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में यह हास्पिटल हमेशा चर्चा में रहता है। सीएचसी पर कार्यरत स्टाफ नर्सें बिना सुविधा शुल्क लिए किसी भी महिला का प्रसव नहीं कराती हैं। स्टाफ नर्सों की लापरवाही के चलते कई प्रसूता महिलाओं की मौत हो चुकी है। जांच के नाम पर उच्चाधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करके मामले को रफा-दफा कर देते हैं। केंद्र पर कार्यरत मंजू राय प्रथम द्वारा प्रसव कराने को लेकर प्रसूता के परिजनों से खुलेआम पैसे की मांग कर रही है। पैसा लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद मामले को रफा-दफा करने के लिए कुछ नेता सक्रिय हो गए हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षित प्रसव को लेकर सरकार कई योजनाएं चला रही है। इस पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च हो रहे है लेकिन सच्चाई यही है कि अस्पताल में इन योजनाओं का लाभ पात्र महिलाओं को नही मिल रहा है। न भोजन, दवा मिल रही है और न अन्य सुविधाएं। जननी सुरक्षा योजना के तहत हर प्रसूता को प्रोत्साहन धनराशि सरकार की ओर से दी जाती है लेकिन उसके भुगतान के एवज में भी सुविधा शुल्क की मांग होती है। वायरल वीडियो में घूस लेती स्टाफ नर्स मंजू राय प्रथम का यह कोई नया मामला नहीं है। पिछले 14 मई को स्टाफ नर्स मंजू राय की लापरवाही से नोनहरा थाना अंतर्गत इब्राहिमपुर निवासी उमाशंकर यादव की पत्नी हंसा देवी (26 वर्ष) की प्रसव के दौरान तबीयत बिगड गई और एएनएम मंजू राय ने पैसे के लालच में प्रसूता की गंभीर अवस्था के बावजूद उसे डाक्टर के पास नहीं जाने दिया। हंसा यादव की मृत्यु हो गई। परिजनों ने प्रसूता के शव को हास्पिटल के सामने एनएच पर रख कर जमकर बवाल काटा था। बाद में पुलिस द्वारा आरोपी एएनएम के खिलाफ धारा 304ए के तहत एफआईआर दर्ज करने के बाद मामला शांत हुआ। नेताओं के संरक्षण के कारण उक्त स्टाफ नर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह खुलेआम गरीब महिलाओं का शोषण करने में लगी हुई है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक उमेश कुमार ने बताया कि वीडियो मुख्य चिकित्साधिकारी के संज्ञान में है और उन्होंने इसकी सच्चाई जांचने की जिम्मेदारी एसीएमओ आरके सिन्हा को सौंपी है। जांच में पुष्टि होने के बाद संबंधित स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

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