दिल्ली – दिल्ली स्टेट में भाजपा सरकार

दिल्ली: विधानसभा का चुनाव 5 फरवरी को संपन्न हुआ और आज 8 फरवरी को मतगणना भी समाप्त हो चुकी है ।5 फरवरी को हुए मतदान में कल 60.54 प्रतिशत मतदान हुआ था।आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का 70 की 70 विधानसभा सीट परक्षआमने-सामने का मुकाबला था।दिल्ली विधानसभा के चुनाव को कांग्रेस भी त्रिकोणीय बनाने का भरपूर प्रयास कर रही थी। इस चुनावी दंगल में आज 8 फरवरी को हुए मतगणना में भारतीय जनता पार्टी को 48 सीट और आम आदमी पार्टी को 22 सीट प्राप्त हुए हैं, वहीं कांग्रेस को एक भी सीट चुनाव में प्राप्त नहीं हो पाई है। दिल्ली विधानसभा में मिली जीत को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता काफी काफी उत्साहित और गदगद है। भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्ता इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती जैसे नेताओं को पराजय का स्वाद चखना पड़ेगा।
आने वाले दिनों में सबसे रोचक यह होगा आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो दिल्ली के निवासियों को फ्री बिजली ,फ्री पानी, फ्री शिक्षा, फ्री स्वास्थ्य ,महिलाओं की फ्री बस यात्रा और बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा जैसी अनेक सुविधाएं दे रखी थी क्या उन्हें आने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बरकरार रखेगी या उन योजनाओं को बंद करेगी। वैसे दिल्ली के चुनावी दंगल में भारतीय जनता पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं ने यह मंच से सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था की वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा लागू की गई सभी योजनाओं को आगे भी जारी रखा जाएगा।इसके अतिरिक्त भी दिल्ली वासियों को अनेक सुविधाओं से लाभान्वित किया जाएगा। यहां यह बताना काफी रोचक रहेगा कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी की फ्री योजनाओं की खुलकर कर बार बार आलोचना करते रहे हैं।वैसे कुल मिलाकर कहा जाए तो आम आदमी पार्टी की पराजय उतनी महत्वपूर्ण नहीं है जितनी दिल्ली की जनता की कसौटी पर भाजपा का खरा उतरना है।आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को काफी मुश्किल होगी।केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दिल्ली की जनता ने दिल्ली को आप-दा से मुक्त कर दिया। आगे आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी के नेताओं और उनके रणनीतिकारों की क्या रणनीति होगी या तो समय ही बताएगा लेकिन आने वाले दिनों में मतदान में धांधली एवं में ईवीएम में गड़बड़ी और कांग्रेस का चुनाव लड़ना आम आदमी पार्टी की पराजय का कारण माना जाएगा, क्योंकि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में जितने कम वोटो से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पराजित हुए हैं लगभग उतने ही वोट कांग्रेस पार्टी के विभिन्न उम्मीदवारों को प्राप्त हुआ है। आने वाले दिनों में चुनाव का विश्लेषण विश्लेषक टीवी चैनलों पर बैठकर करेंगे लेकिन कुल मिलाकर इतना कहा जा सकता है की 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर दिल्ली की जनता ने सत्ता सौंप दी है।