दृश्य ऐसा कि ,वहां हर कोई रोया

गाजीपुर-जिला मुख्यालय स्थित श्मशान घाट का दृश्य मंगलवार की शाम जिसने भी देखा उसकी आंखें भर आईं। एक साथ तीन चिताएं जलीं तो सभी की आंखें नम हो गईं। कांपते हाथों से बेटे सनोज ने अपने पिता नंदलाल, पत्नी संतरा व दो साल के अपने मासूम बेटे समीर को मुखाग्नि दी तो पहले फफक पड़े फिर दहाड़े मारकर रोने लगे। ग्रामीणों ने उन्हें ढांढस बंधाया। मरदह के बरही गांव निवासी नंदलाल यादव के चार पुत्र मनोज, सनोज, श्रवण व विवेक व एक पुत्री निरमा है। सबसे बड़े मनोज इलाहाबाद में पढ़ाई करते हैं। नंदलाल की इच्छा थी कि अपने जीते जी पुत्र व पुत्रियों की शादी कर दें। वे मनोज से शादी का प्रस्ताव रखे तो वह पढ़ाई का हवाला देते हुए इन्कार कर दिए। तब नंदलाल दूसरे नंबर के पुत्र सनोज की शादी संतरा से कर दिए। इसके बाद पुत्र समीर पैदा हुआ। अभी वह दो साल का ही हुआ कि दुनिया को अलविदा कह दिया। ग्रामीणों ने बताया कि घर के इकलौते कमासूत नंदलाल ही थे। अब उनकी मौत से परिवार के सामने आर्थिक संकट भी आ खड़ा हुआ है।

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