गाजीपुर-मुझे बातूनी मियां से मिलने की बड़ी बेकरारी थी। इत्तेफाक से छठ का पर्व होने की वजह से बच्चे भोर में 3 बजे से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जनाजा निकालते हुए पटाका फोड ने लगे। पटाकों के शोर से नीद खुल गयी । सुबह 6 बजे मैं चाय पीने की गरज से केदार भाई की दुकान पर जाता हुँ वहां बातूनी मियां पहले से ही मौजूद थे । मैंने कहा बातूनी भाई आपने चाय पी ली क्या ? बातूनी ने कहा चाय पी चुका हूं लेकिन एक एक चाय और हो जाए तो क्या बुरा है। मैने केदार भाई को चाय लाने को कहा और पुरानी बातों को आगे बढ़ाने हुए पूछा भाई जान आपने कहा था कि मुख्तार अंसारी को दोस्तों की साजिश ने डॉन बना दिया वह कैसे ? बातूनी मियां ने कहानी आगे बढ़ाते हुए कहा ,असलहे के शौक ने उस नौजवान को उस माफिया गिरोह से जुड़े तमाम लोगों से जोड़ दिया और वह नौजवान इस गिरोह से जुड़े लोगों के साथ कभी यहां- कभी वहां जाने लगा। लगातार प्रतिद्वंदी गिरोह एक दूसरे से जूडे सदस्यों की हत्या कर दे रहे थे। उस समय गाजीपुर में एक गिरोह की कमान सिकंदरपुर के बाबू साहब के पास थी तो दूसरे गिरोह की कमान सैदपुर तहसील के एक गांव के बाबू साहब के पास थी। सैदपुर तहसील का वह गांव दो बाबू साहब के परिवारों के जंग मे महाभारत का कुरूक्षेत्र बना हुआ था। आए दिन एक दूसरे के परिवार के सदस्यों की हत्या एक आम बात थी । इसी दौरान सैदपुर तहसील के कुरूक्षेत्र बने गांव वाले बाबू साहब की हत्या हो जाती है। हत्या के बाद गैंग के लोग मीटिंग करते हैं कि अब टीम का नेतृत्व कौन करेगा उसमें यह तय होता है कि सैदपुर तहसील के गांव वाले बाबू साहब का छोटा भाई गैंग की कमान संभाल लेता है। वह गैंग लिडर बनने के बाद अपने भाई के हत्यारों से चुन -चुन के बदला लेता है। अचानक उसी दौरान जिलाचिकित्सालय मे सैदपुर तहसील के निवासी उस नौजवान की हत्या पुलिस की वर्दी पहन कर आये कुछ गैर जनपद के अपराधियों ने सुबह के समय कर दिया (वह कोई साधु -महात्मा नहीं था)। इसके बाद गैंग के लोगों की मिटिंग होती है और इस मीटिंग में यह तय करना था कि अगला गैंग लीडर कौन होगा ? शातिर दिमाग दोस्तों ने बडे-बडे और सिनियर सुटरों को छोड कर मुख्तार अंसारी को गैंग का लीडर बनवा दिया । छक्का- पंजा से दूर मुख्तार अंसारी ने गैंग लीडर बन्ना स्वीकार कर लिया।इसके बाद इस गैंग से जुड़े हुए सुटर लोग प्रतिद्वंदी गिरोह के लोगों की हत्या करते हैं और खुब जोर- शोर से प्रसारित -प्रचारित करते हैं कि हत्या मुख्तार अंसारी ने किया।इस दुष्प्रचार का यह परिणाम हुआ कि पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों के थानों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या के अनेकों मुकदमे दर्ज हो गये। बातूनी मियां ने फिर मिलने का वादा किया और चलते बने -लेकिन कहानी अभी बाकी है। आप अगले भाग की प्रतिक्षा करें मुझे भी बातूनी मियां से अगली मुलाकात का इन्तजार रहेगा। कहानी शेयर अवश्य करें
