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पटना:तो क्या भाजपा का अगला निशाना नीतीश कुमार है ?

पटना : राजनीति में राजयोग किसका कितने दिन का है यह कोई नहीं है। अभी हाल में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा के चुनाव में दिल्ली में लगातार तीन बार सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता से बेदखल करते हुए आपके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के सपने को चकनाचूर कर दिया ।आने वाले दिनों में बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का समीकरण क्या होगा ?  यह तो मतदान और मतगणना की बात पता चलेगा , लेकिन राजनीति की जानकारी रखने वाले लोग अभी से यह कहने लगे हैं कि बिहार का अगला चुनाव भाजपा बना राष्ट्रीय जनता दल होगा। नीतीश कुमार की पार्टी का प्रदर्शन बहुत घटिया होगा और नीतीश कुमार बिहार के अगले मुख्यमंत्री नहीं होंगे ।बिहार का अगला मुख्यमंत्री या तो राष्ट्रीय जनता दल का होगा जो स्वाभाविक है तेजस्वी यादव हो सकते हैं या तो भारतीय जनता पार्टी का होगा। यह मतदान और मतगणना के बाद तय होगा लेकिन लोग अभी से यह कह रहे हैं कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं होंगे।राजनीति के पंडित यह तर्क दे रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस- जिस क्षेत्रीय दल का सहयोग लिया उस क्षेत्रीय दल का विभाजित होना लगभग तय होता है। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जब-जब लोकसभा में नरेंद्र मोदी की सरकार पर संकट आया नवीन पटनायक के दल के सांसद नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल के पीछे मजबूती से खड़े नजर आए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी लगातार उड़ीसा में अपना जन आधार मजबूत करती रही और बीजेडी का सहयोगी भी बनी रही। एक समय ऐसा भी आया कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने अघोषित सहयोगी बीजू जनता दल को उड़ीसा की सत्ता से बेदखल कर दिया और सत्तारूढ़ हो गयी।लोग दूसरा तर्क यह देते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना हमेशा से भारतीय जनता पार्टी का सहयोगी रही लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि भारतीय जनता पार्टी ने उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना कोई दो खंड में विभाजित कर दिया। आज शिवसेना का बागी गुट और सरद पवार के दल के बागी गुट भारतीय जनता पार्टी के साथ महाराष्ट्र की सरकार में शामिल हैं।शरद पवार और उद्धव ठाकरे के दल से बगावत करने वाले बगावत करके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन जब विधायकों की संख्या भारतीय जनता पार्टी की अधिक हुई तो उसने शिवसेना और एनसीपी के बगावती नेताओं को उपमुख्यमंत्री बना कर ही चुप कर दिया और बागी गुट के दोनों नेता सिर्फ कसमसा कर रह गये क्योंकि उनके पास भाजपा का आफर स्वीकार कर ने अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था । आने वाले दिनों में बिहार का चुनाव है और बिहार के विधानसभा चुनाव में आने वाले दिनों में चाहे जो भी परिणाम हो लेकिन सबसे बड़ा दल या तो भारतीय जनता पार्टी होगी या राष्ट्रीय जनता दल होगा ऐसे में स्वाभाविक है कि अगर जनता दल यूनाइटेड से अधिक विधायक भारतीय जनता पार्टी के होंगे तो निश्चित तौर से बिहार के मुख्यमंत्री का पद भारतीय जनता पार्टी अपने पास रखेगी और नीतीश को उपमुख्यमंत्री पद से ही संतुष्ट होना पड़ेगा।यदि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बने की जिद की तो भारतीय जनता पार्टी नीतीश की पार्टी को दो भागों में विभाजित करने से नहीं चूकेगी और भारतीय जनता पार्टी के इस कार्य में जनता दल यूनाइटेड के कोटे से केंद्र में मंत्री बने एक सांसद ही करेंगे।आने वाले दिनों में नीतीश का क्या होगा यह तो भविष्य बताएगा , लेकिन बिहार में जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर पांडेय तो अभी से खुलेआम कई मंचों से यह कह चुके हैं कि बिहार का  अगला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं होंगे कोई दूसरा ही होगा और यदि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की तो उनका दल टूट कर बिखर जाएगा।इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इतने विधायक जीता पाते हैं कि वह भाजपा या आरजेडी को खुद मुख्यमंत्री बनने पर के लिए मजबूर कर सकें।