पुर्वांचल के प्रथम नही, चौथे विकास पुरूष है मनोज सिन्हा
गाजीपुर- पुर्वी उत्तर प्रदेश यानि पुर्वांचल का जनमानस जब भी कोई राजनेता पुर्वांचल को विकास देता है तो उसे मुक्त कंठ से और हृदय की गहराइयों से विकास पुरूष की संज्ञा अपने आप दे देता है। पुर्वांचल के प्रथम विकास पुरूष थे पंडित कमला पति त्रिपाठी , पंडित जी वर्ष 1952 मे उत्तर प्रदेश के सरकार मे जब सिचाई मंत्री बने तो उन्होंने पूर्वांचल मे खेतों की सिचाई के लिए नहरो का जाल बिछा दिया। पूर्वांचल मे जो नहरों का व्यवस्था है वह पंडित कमला पति त्रिपाठी की देन है। द्वितीय विकास पुरूष के रुप मे उत्तर प्रदेश के पुर्व मुख्यमंत्री और वर्ष 1988 मे भारत के संचार मंत्री बने बीर बहादुर सिह है। उन्हो ने संचार व्यवस्था के मामले मे पुर्वांचल को काफी संपन्न बनाया। तिसरे विकास पुरूष बने स्व०कल्पना नाथ राय , सन् 1991-92 मे स्व० कल्पनाथ राय जब भारत सरकार मे केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री बने तो उन्होने पूर्वांचल को विद्युत पारेषण लाईन के मामले मे काफी संपन्न बनाया। सांसद गाजीपुर और रेल राज्यमंत्री व संचार मंत्री के रूप मे मनोज सिन्हा चौथे व्यक्ति है जिन्होंने पूर्वांचल को रेल व्यवस्था के मामले एक नये मुकाम तक पंहुचाया। पूर्वांचल मे पाँचवा विकास पुरूष पैदा होगा या नहीं यह तो समय ही बतायेगा, हम और आप नही ।