प्रयागराज-असद की मौत पर पूरा परिवार जेल मे रातभर रोता रहा

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प्रयागराज- कुख्यात माफिया अतीक अहमद बेटे असद के एनकाउंटर की खबर के बाद टूट सा गया है। कोर्ट से नैनी सेंट्रल जेल पहुंचते ही अतीक अहमद और अशरफ के आँखों से आंसू के झरने फूट पड़े। नैनी जेल की पुरानी बैरक में अतीक बेटे असद की मौत पर फफक फफक कर रो रहा था। कुख्यात माफिया अतीक अहमद बेटे असद के एनकाउंटर की खबर के बाद टूट सा गया।गुरुवार को कचहरी में माफिया को जब यह खबर मिली कि उसके जिगर के टुकड़े को एसटीएफ ने मार गिराया है तो उसका कलेजा फट पड़ा। अतीक के चेहरे की पर हवाइयां उड़ रही थी, उसकी आंखें नम हो गई। हालांकि भरी कचहरी में वह अपने आंसू पी गया। इसके बाद नैनी सेंट्रल जेल पहुंचते ही अतीक व अशरफ के आंसू फूट पड़े। नैनी जेल की पुरानी बैरक में अतीक बेटे असद की मौत पर फफक फफक कर रो पड़ा। यहां यह बता दे कि जेल में अशरफ व अतीक दोनों भाइयों को अलग-अलग बैरकों में रखा गया है।देर रात तक दोनों खूब रोए।

नैनी जेल में ही अतीक अहमद के दूसरे बेटे अली को भी रखा गया है।असद की मौत की खबर उसतक भी पहुंची तो वह अभी खुब रोया। अतीक, अशरफ व अली के आंसू देर रात तक जेल में नहीं थम रहे थे। मुठभेड़ में बेटे असद के मारे जाने की खबर से माफिया अतीक अहमद को कोर्ट मे ही मिल गयी थी।जेल पहुंचते-पहुंचते वह टूट सा गया, उसके आंसू थम नहीं रहे थे।अशरफ भी खूब बिलख रहा था लेकिन वह भाई को ढाढस बधाने की कोशिश में था। पहले अतीक को वाहन को नैनी जेल में लाया गया इसके कुछ ही देर बाद अशरफ का बज्र वाहन नैनी जेल पहुंचा, तब तक अतीक अपने बैरक में जा चुका था। अशरफ अतीक के दिल की हाल को जान रहा था ऐसे में अशरफ ने कोशिश की कि कुछ समय वह भाई अतीक के साथ रहकर उसे तसल्ली दे। अशरफ ने जेल अधिकारियों से भाई से मिलवाने की गुजारिश भी की,अधिकारियों को मैसेज भी कराया लेकिन कोई मदद नहीं मिला। अशरफ कुछ समय अतीक के साथ रहना चाहता था। उसने अली के बारे में भी नंबरदारो से जानकारी ली। हालांकि बैरक में जाने के बाद भी अशरफ रोता ही रहा। एनकाउंटर में मारे गए असद के पिता अतीक, चाचा अशरफ बड़ा भाई उमर ( जो लखनऊ जेल मे है) दूसरे नंबर का अली नैनी सेंट्रल जेल में है। मां शाइस्ता परवीन फरार है दोनों छोटे भाई अबान और आहजम बालगृह में रखे गए हैं।फूफी आयशा नूरी भी वांछित है तो फूफा अखलाक भी जेल में है। पूरे परिवार को असद के जनाजे, सुपुर्द ए खाक में शामिल होने के लिए हाई कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। कोर्ट की अनुमति मिलने पर ही अतीक अपने बेटे के कफन दफन ने शामिल हो सकता है। वैसे असद के शव को सुपुर्दगी में लेने के लिए अतीक के कई रिश्तेदार झांसी के लिए रवाना हुए हैं। अतीक परिवार के अधिवक्ता इस मामले में अदालत से गुजारिश करेंगे। सबसे पहले दोनों नाबालिग बेटोओं की सुपुर्दगी की कोशिश की जाएगी ताकि वह अंतिम संस्कार की तैयारी करा सकें।साभार-लाईव हिन्दुस्तान डाट काम

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