ग़ाज़ीपुर

बरेली – दीवार फांदकर भागा इंस्पेक्टर अपने थाने से

बरेली- फरीदपुर थाने का इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भाग निकला। एसपी मानुष पारीक ने रिश्वतखोरी की सूचना पर थाने में छापा मारा था। लेकिन, गाड़ी के सायरन की आवाज सुनते ही वह दीवार से कूदकर फरार हो गया।

इंस्पेक्टर के कमरे में बेड से करीब 10 लाख रुपए कैश मिले हैं। वह नोटों की गड्डियों पर सोता था। आरोपी इंस्पेक्टर जिस थाने का प्रभारी था, वहीं उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।सीओ गौरव सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर लिखाई है। इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी मानुष ने बताया- उसकी तलाश चल रही है। उसके पीछे 29 थानों की फोर्स पीछे लगी है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले पर सरकार पर निशाना साधा। X (ट्विटर) पर लिखा है कि अभी तो बस थाने की दीवार कूदा है दरोगा , यदि भ्रष्टाचार का ओलिंपिक होता तो भाजपा राज में ऐसी विशिष्ट योग्यता रखने वाले कुछ कृपा प्राप्त पुलिसवाले ‘हाई जंप’ में प्लेटिनम मैडल ले आते।

एसएसपी अनुराग आर्य को गुरुवार दोपहर मुखबिर से सूचना मिली कि थाना प्रभारी रामसेवक ने बुधवार रात दो स्मैक तस्करों को पकड़ा। तस्करों के नाम – आलम और नियाज अहमद, जो नवदिया अशोक के रहने वाले हैं। लेकिन इंस्पेक्टर ने तस्करों से डील कर ली।इंस्पेक्टर रामसेवक ने तस्करों से 7 लाख रुपए वसूले और रिश्वत हाथ में आने के बाद दोनों को छोड़ दिया। इस पर एसपी दक्षिण मानुष पारीक को तत्काल मौके पर भेजा। उनके साथ सीओ फरीदपुर गौरव सिंह भी थे।
फरीदपुर थाना लखनऊ हाईवे पर है। इसलिए, एसपी दक्षिण ने अपने स्टाफ को देहात क्षेत्र में जाने के लिए कहा। उन्हें यह नहीं बताया कि गाड़ी लेकर कहां पहुंचना है। फरीदपुर पहुंचते ही एसपी की गाड़ी थाने में दाखिल हुई।एसपी मानुष गाड़ी से उतरे और पहरे पर तैनात सिपाही से पूछा- इंस्पेक्टर कहां है ? सिपाही ने जवाब दिया- इंस्पेक्टर साहब आवास पर हैं। यह सुनते ही एसपी अपने स्टाफ के साथ थाने के पिछले हिस्से में बने आवास के तरफ दौड़े तभी लोवर और टी- शर्ट पहने इंस्पेक्टर दीवाल फांदकर फरार हो गया । इंस्पेक्टर को पकड़ने के लिए पुलिस के जवान दौड़े लेकिन इंस्पेक्टर हांथ नहीं लगा ।

एसपी ने इंस्पेक्टर का आवास का रूम खंगाला। जिसमें 50-50 हजार रुपए की दो गड्डी चादर के नीचे मिली। बेड में एक बैग मिला, जिसमें 50-50 हजार रुपए के नोटों की गड्डी मिली। नोटों की गिनती की गई। कुल अमाउंट 9 लाख 96 हजार रुपए निकला। पूरे कमरे को खंगाला गया।

इंस्पेक्टर रामसेवक को ढूंढने के लिए बरेली के 29 थानों की फोर्स लगा दी गई है। उसकी तस्वीर और डिटेल पुलिस ग्रुप पर शेयर हुई है। बरेली के साथ ही, रामसेवक के बारे में शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत पुलिस को भी सूचना भेजी गई है। इनपुट है कि फरीदपुर से निकलने के बाद रामसेवक शाहजहांपुर की तरफ भागा है।आरोपी इंस्पेक्टर 2007 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ। दो साल पहले ही वह दरोगा से इंस्पेक्टर बना। पिछले ही साल रामसेवक बरेली में ट्रांसफर होकर आया था। 31 अक्टूबर, 2023 को तत्कालीन एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने पुलिस लाइन में तैनात रामसेवक को फरीदपुर थाने का चार्ज दिया।