बरेली: पुलिस की तत्परता से बचे 50 लाख

बरेली : दिनांक 11 जनवरी 2025 को पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक को इमरान खान नामक व्यक्ति ने सूचना दिया कि उनके चाचा डॉक्टर नजीबुल हसन पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद हसन निवासी फाइक एनक्लेव थाना बारादरी बरेली जिनकी डिस्पेंसरी पुराना शहर में सूफी टोला थाना बारादरी में संचालित है।आज 11 जनवरी को दोपहर किसी से मोबाइल से उनकी बात हुई और बात करते ही वह डिस्पेंसरी से घर पर आए एवं बैंक सहित अन्य कागजात लेकर घर वालों को बिना बताए स्कूटी से कहीं चले गए हैं ,फोन करने पर फोन नहीं उठा रहे हैं ।सूचना प्राप्त होते ही पुलिस अधीक्षक नगर द्वारा प्रभारी निरीक्षक थाना बारादरी बरेली को तत्काल संबंधित व्यक्ति के मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करने को कहा गया। थाना बारादरी पुलिस तत्काल प्रभाव से एक्टिव होकर उनके परिजन भतीजे व पुत्री से पूछता प्रारंभ की गई। पूछताछ में जानकारी हुई की डॉक्टर नजीबुल हसन को कहीं से फोन आया था और बताया गया कि उनका आधार कार्ड गलत काम हवाला के लेनदेन में प्रयोग हुआ है। पूछताछ से यह संभावना प्रतीत हुई की संबंधित व्यक्ति को कहीं साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट तो नहीं कर लिया गया है। इसके बाद मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाकर लोकेशन पता किया गया तो लोकेशन होटल कंट्री इन पीलीभीत बायपास रोड के आसपास पाया गया। वहां पर तलाश करने पर इनकी स्कूटी कंट्री इन होटल के बाहर पार्क होना पाया गया। होटल में पूछताछ किया गया तो पाया गया कि डॉक्टर के द्वारा सोमवार तक के लिए एक कमरा बुक कराया गया है ,जिसका रूम नंबर 105 है ।होटल के स्टाफ को लेकर जब कमरे को खुलवाने का प्रयास किया गया एवं दरवाजे से कान लगाकर सुना गया तो पाया गया कि कोई व्यक्ति इन्हें वीडियो कॉल पर जिस निर्देश दे रहा है कि दरवाजा मत खोलना, बता दो मैं बहुत व्यस्त हूं मुझे किसी चीज की कोई आवश्यकता नहीं है। मास्टर चाबी से भी दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया किंतु सेंसर ओपन होने के बाद भी अंदर से चिटनी बंद होने के कारण दरवाजा नहीं खुला। तब आग लगने की झूठी खबर फैलाकर काफी प्रयास के बाद दरवाजा खोला गया तो डॉक्टर नजीबुल हसन साइबर अपराधी के चंगुल में डिजिटल अरेस्ट पाए गए। जिन्हें सोमवार 13 जनवरी तक के लिए डिजिटल अरेस्ट किया गया था ।डॉक्टर नजीबुल हसन का ब्रेनवाश साइबर अपराधी ने इस तरह कर रखा था कि असली पुलिस की बात को ही गलत मान रहे थे तथा साइबर अपराधी की बात को सही मान रहे थे। तब-तक मौके पर पुलिस अधीक्षक नगर भी आ गए। उनके द्वारा डॉक्टर नजीबुल हसन से पूछताछ कर वार्ता की गई तो बताया कि आज दोपहर में उन्हें एक फोन आया और बताया गया कि आपका आधार कार्ड मुंबई में हवाला कारोबारी नरेश गोयल और उसके पार्टनर ने प्रयोग कर कई राज्यों में घोटाला किया है, जिसकी जांच आरबीआई एवं सीबीआई द्वारा की जा रही है।अगर तुम उसमें फंसना नहीं चाहते हो तो तत्काल अपनी पासबुक व अन्य रिकॉर्ड लेकर कहीं होटल में तीन दिन के लिए शिफ्ट हो जाओ, फोन मत काटना तुम्हारे घर के पास सीबीआई पहुंच गई है जो तुम पर नजर रख रही है, यह बात किसी से मत बताना और जो कहा जाए उसे फॉलो करना, उन्हीं के दिए गए निर्देशों के अनुसार में कार्य कर रहा था और यहां होटल में कमरा लेकर करीब 3 घंटे से हूं ।अब तक मैं उनके बताए अनुसार तीन बैंक खातों की डिटेल उन्हें नोट करा दिया हूं जिसमें लगभग 50 लाख की धनराशि है। उनके द्वारा अब एक मैसेज डालकर बैंक का आईएफसी कोड एवं डिजिटल कोड पूछा जा रहा था जिसे मैं बताने ही वाला था कि आप लोगों ने दरवाजा खुलवा दिया ।इस प्रकार 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहे व्यक्ति को लूटने से बरेली पुलिस द्वारा बचाया गया एवं उनके बैंकों में जमा 50 लख रुपए को सुरक्षित कराया गया। डॉक्टर नजीबुल हसन की लड़की तथा भतीजे एवं थाना बारादरी पुलिस की तत्परता एवं सूझबूझ से घटना होने से पहले ही रोक दिया गया।