मोदी जी की कृपा से जारी है एटीएम परिक्रमा

एक साल पहले नोटबंदी के दौरान कैश को लेकर जिला अशांत हो गया था। बैंकों के साथ ही एटीएम पर सुबह से लेकर रात तक लोगों की लाइन लगी रहती थी। वर्तमान समय में करीब तीन सप्ताह से जिले में नोटबंदी जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की कौन कहे, शहर के भी अधिकांश एटीएम ग्राहकों को सेवा देने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। जो एटीएम सेवा दे रहे हैं, वह पूरी तरह से ग्राहकों के दबाव में दिख रहे हैं। अकेले सिर्फ महुआबाग में विभिन्न बैंकों के करीब एक दर्जन एटीएम मौजूद हैं, लेकिन कभी भी ऐसा नहीं देखा जा रहा है कि ये सारे एटीएम ग्राहकों को अपनी सेवा दे रहे हो। रविवार को दिन में पौने दो बजे यहां पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक और एफडीएफसी बैंक के एटीएम काम कर रहे थे। इन एटीएम के द्वार पर लक्ष्मी के दर्शन के लिए ग्राहकों की लंबी लाइन लगी थी। लाइन में खड़ा हर कोई अपना नंबर आने को लेकर बेचैन था। इस दौरान लोगों में इस बात की भी घबराहट बनी रही कि कही नंबर आने से पहले पैसा खत्म न हो जाए। पैसा निकालने यदि कोई ग्राहक लेट कर रहा था तो लाइन में खड़े लोग शोरशराबा करते हुए जल्द पैसा निकालने के लिए कह रहे थे। बीच में ही पैसा समाप्त हो जाने से कई ग्राहकों को इस बात की निराशा हुई कि काफी देर तक लाइन में खड़ा रहने के बाद भी पैसा नहीं मिला। कुल मिलाकर ग्रामीण क्षेत्रों की कौन कहे, शहर के भी एटीएम ग्राहकों को अच्छी सेवा देने में पूरी तरह से नाकाम नजर आ रहे हैं, जिससे ग्राहक बैंक की व्यवस्था को कोसते हुए अपने ही पैसे के लिए परेशान हो रहे हैं।