देश / प्रदेश

लखनऊ: अखिलेश यादव का ताजा ट्वीट

पूछता है पहलगाम का पर्यटक:

– ख़तरों के बीच मेरी रक्षा करनेवाला कोई वहाँ क्यों नहीं था?
– ⁠कुछ ऐसे लोगों को सरकार की ओर से चारों तरफ़ से चाक-चौबंद सुरक्षा घेरा क्यों दिया जाता है जो बाद में ठग साबित होते हैं?
– ⁠कोई भी कुछ बनकर इतने संवेदनशील इलाक़े में सुरक्षा कैसे पा सकता है क्या पहले कोई जाँच-पड़ताल नहीं होती है?
– ⁠’जश्नजीवी भाजपाई’ जब यहाँ विवादित निजी कार्यक्रम आयोजित करते हैं तो लगभग 250 वीवीआईपी के लिए हज़ारों सुरक्षाकर्मियों के कई घेरे बना दिये जाते हैं, वो भी उनके निजी कार्यक्रम में जिनका काम किसी और के शब्दों को स्वर देना है। जिनका स्वयं कोई अस्तित्व नहीं है, जो न्यायलय तक की अवमानना करते हैं, ऐसे लोगों को सुरक्षा किस आधार पर मिलती है और पर्यटकों को क्यों नहीं?

ये अति गंभीर प्रश्न हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है, उन पर दबाव डालकर बयान भले बदलवा दिये जाएं लेकिन भाजपाई याद रखें ‘बयान बदलवाने से सच नहीं बदल जाता है’।