लखनऊ- कैसरबाग स्थित कोर्ट मे बुधवार की दोपहर पेशी पर आए कुख्यात बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई।हमलावर वकील की ड्रेस में आया था उसने दोपहर 3:55 बजे कोर्ट के अंदर 9 एमएम की पिस्टल से 5 से 6 राउंड फायरिंग की। हमले में जीवा की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक बच्ची और 2 पुलिसकर्मियों को गोली लगी। मौके से भाग रहे हमलावर को वकीलों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की। पुलिस ने किसी तरह उसे वकीलों के चंगुल से छुड़ाया। हमलावर का नाम विजय यादव है यह जौनपुर का रहने वाला है।उसने जीवा की हत्या क्यों की इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है।कोर्ट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वारदात के बाद वकील आक्रोशित हो गए और पुलिस से धक्का-मुक्की भी की। कई पुलिसकर्मियों को गेट से बाहर निकाल कर गेट बंद कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।एसआईटी के सदस्य एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल,नीलाब्जा, अयोध्या के डीआईजी को जिम्मेदारी दी गई है। तीनों अधिकारी 7 दिन के अंदर जांच कर मुख्यमंत्री को जाच रिपोर्ट सौपेंगे।
यूपी के फरूखाबाद मे 10 फरवरी 1997 को हुई पूर्व कैविनेट मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर जरायम की दुनिया में जीवा सुर्खियों में आया। यहीं से उसकी मुन्ना बजरंगी से नजदीकियां बढी। 2005 में गाजीपुर के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित 6 लोगों की हत्या में बजरंगी और जीवा को पुलिस ने आरोपी बनाया। भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी गेस्ट हाउस कांड में मायावती की सहायता की थी। भाजपा के कद्दावर नेताओं में सामिल द्विवेदी कल्याण सिंह सरकार में ऊर्जा विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे। जून 1995 को स्टेट गेस्ट हाउस कांड में मदद कर द्विवेदी ने बसपा नेता मायावती को बचाया था, साथ ही मायावती और कांशीराम पर हमला बोलने आए सपा के लोगों से मोर्चा लिया था उसके चलते द्विवेदी और भी चर्चित हो गए थे। साथ ही उनका राजनैतिक कद भी काफी बढ़ गया था।प्रदेश के माफियाओं की सूची में माफिया मुख्तार अंसारी के साथ मुजफ्फरनगर निवासी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का नाम भी सूची में शामिल था। जीवा के खिलाफ मुजफ्फरनगर में 1 दर्जन से अधिक गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है।साभार-डीएनए
