लखनऊ-हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह एक मेधावी गरीब छात्रा की योग्यता से ऐसे प्रभावित हुए कि उन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी जेब से छात्रा की फीस के 15 हजार रुपये दे दिये। छात्रा गरीबी के कारण समय पर फीस जमा नहीं कर पाई थी जिस कारण वह आईआईटी में दाखिले से वंचित रह गई थी।
न्यायालय ने इसके साथ ही ज्वॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी व आईआईटी बीएचयू को भी निर्देश दिया है कि छात्रा को तीन दिन के भीतर दाखिला दिया जाए और यदि सीट खाली नहीं हो तो उसके लिए अलग से सीट की व्यवस्था की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने दलित छात्रा संस्कृति रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।सौ० हिन्दूस्तान