लखनऊ-परिषदीय विद्यालय की रसोईयों का बढा मानदेय हुआ बल्ले-बल्ले

579

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों को मिड-डे- मील बनाकर खिलाने वाली महिला रसोइयों के सामने मानदेय का संकट काफी समय से गहराता रहा है। जो महिला रसोइयां अपने हाथों से खाना बनाकर स्कूल में बच्चों का पेट भरती हैं, उनके बच्चे और परिवार के लोग अक्सर मानदेय काफी बिलंब से मिलने के कारण परेशान हो कर अध्यापकों से यह सवाल बार-बार पुछते रहते है कि मानदेय कब आयेगा।मानदेय के इंतजार में अक्सर परिवार फांकाकशी का शिकार होते रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 1,68,768 स्कूलों में 20 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं, जिनके लिए 3 लाख 95 हजार से ज्यादा रसोइयां खाना बनाती है।पिछले सत्र तक इन महिला रसोइयों को 1500 रुपये प्रतिमाह मानदेय के रूप में दिया जाता था। इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल से इनका मानदेय बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया गया है। इस समय प्राथमिक विद्यालय सुबह 9.00 बजे खुलते हैं और दोपहर 3:00 बजे तक चलते हैं। अधिकतर स्कूलों में विद्यालय की साफसफाई और बंद करने का काम महिला रसोइया ही करती हैं। मिड डे मील बनाने और खिलाने के बाद बर्तन धुलने से लेकर स्कूल की साफ सफाई तक करने का काम इन महिला रसोइयों के जिम्मे ही होता है। जहां एक दिहाड़ी मजदूर हर रोज 300 से 400 रुपये पाता है वहीं यह 50 रुपये से भी कम प्रतिदिन मिलने वाले मानदेय का कभी-कभी 6 महीने तक इंतजार करती रही हैं।

Play Store से हमारा App डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें- Qries