लखनऊ: बढ़ती ठंड में बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल जा रहे हैं -अखिलेश यादव
लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार बच्चों और गरीबों के प्रति निहायत संवेदनहीन है। बच्चों की निर्मम हत्याएं हो रही है, उनके तन ढंकने की जरा भी फिक्र नहीं है। गरीबों को कहीं सिर छुपाने की जगह नहीं मिल रही है। बंगलों में जिंदगी जीने वाले मंत्रियों को जमीनी हकीकत का अंदाजा कैसे हो सकता है?
उत्तर प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार का बड़ा शोर है। मुख्यमंत्री जी प्रदेश से बाहर दूसरे प्रदेशों में जाकर बड़े-बड़े सपने दिखा आते हैं लेकिन इन दिनों शुरू हो गई ठंड में बिना स्वेटर और जूते-मोजे के स्कूल जाने को नौनिहाल मजबूर है। बढ़ती ठंड में बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल जा रहे है लगातार गिरते तापमान के बावजूद शासन स्तर से बच्चों के स्वेटर और जूते-मोजे की खरीद के लिए धनराशि जारी नहीं हो रही है।
औरैया और अयोध्या समेत पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चों के खातों में अभी तक ड्रेस की धनराशि नहीं पहुंची है। भाजपाइयों को अयोध्या जनपद के 23 हजार बच्चों के इस ठंड की मार सहने का एहसास तक नहीं हो रहा है। बच्चों की स्थिति कितनी दयनीय और चिंताजनक है इसका अंदाजा उनको देखकर लगाया जा सकता है।
भाजपा की पुलिस की लापरवाही और अकुशलता की कहानियां अब आम हैं। समाजवादी सरकार में पुलिस के रिस्पांस सिस्टम को गति देने का काम हुआ था जो न्यूयॉर्क पुलिस के स्टैंडर्ड का था। मुख्यमंत्री जी ने यूपी डायल 100 को 112 करके पुलिस के रिस्पांस सिस्टम को बर्बाद कर दिया है।
पुलिस के हालात यह है कि देवरिया के भटनी में 10 वर्षीय बच्ची के अपहरण के बाद खून से लथपथ शव मिला लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सुल्तानपुर में चौथी कक्षा के 11 वर्षीय बालक की गुमशुदगी पर पुलिस ने लापरवाही बरती। नतीजे में बच्चे का शव एक मकान के बेड के नीचे से बरामद हुआ। उसके साथ कुकर्म भी हुआ। कानपुर के जाजमऊ स्थित एक मदरसे से बच्चे का कंकाल मिला। मदरसा अरसे से बंद था।
स्पष्ट है कि फर्जी मुठभेड़ दिखाने वाली भाजपा सरकार की पुलिस असल मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है। समय पर कार्रवाई होती तो कई जानें बच जाती। भाजपा सरकार में पुलिस अकर्मण्य बनती जा रही है।
सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने के लिए तमाम गरीब और बेघर लोग भी मजबूर हैं। इनके लिए रैन बसेरों का इंतजाम अभी तक नहीं हो पाया है। वे खुले आसमान के नीचे सोने से बीमार हो रहे हैं, इस सबके बावजूद सरकार संवेदनहीन है।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता