वाराणसी: सपा के तेजतर्रार प्रवक्ता मनोज काका के खिलाफ मुकदमा दर्ज

वाराणसी:समाजवादी पार्टी के प्रखर प्रवक्ता व नेता मनोज सिंह काका, अमित यादव और पुनीत यादव के खिलाफ वाराणसी कमिश्नरेट की भेलूपुर पुलिस ने बीएनएस की धारा 352(2),356(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने अपने ट्विटर हैंडल से भ्रामक खबरे को फैलाने का काम किया। जैसा कि आत्महत्या करने वाली छात्र का पोस्टमार्टम नहीं हुआ, सरकार के खिलाफ द्वेष फैलाना और पोस्ट के माध्यम से पुलिस की छवि जनता में खराब करने का प्रयास किया गया।आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला – प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जवाहर नगर एक्सटेंशन (दुर्गाकुंड )में स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में बिहार के सासाराम वार्ड नंबर 11 तकिया की रहने वाली नीट परीक्षा की तैयारी कर रही छात्र का शव फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिला। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ दुराचार करके हत्या की गई है। ज्ञात हो कि सासाराम के सुनील कुमार सिंह को उनके एक जानकार ने 1 फरवरी को प्रातः ही फोन द्वारा सूचना दी की उनकी बेटी वाराणसी के भेलूपुर थानाक्षेत्र में स्थित रामेश्वरम गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में फांसी के फंदे से झूलता हुआ शव मिला है। जिसकी जानकारी मिलते ही छात्रा का परिवार वाराणसी पहुंच ,जब परिजन हॉस्टल के कमरे में पहुंचे तो उनके पहुंचने से पहले ही उनकी बेटी के शव का फंदा काटकर बेड पर लिटा दिया गया था। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने शव का बिना परिवार की अनुमति के दबाव बनाकर पोस्टमार्टम एवं अंतिम संस्कार करवा दिया। पिता सुनील कुमार सिंह का आरोप है कि गर्ल्स हॉस्टल संचालक रामेश्वर पांडे समेत अन्य लोगों ने उसकी 17 वर्षीय व्यक्ति के साथ रेप करके हत्या कर दी है और पुलिस से मिली भगत करके मामले को दबाने के लिए आत्महत्या का षड्यंत्र रचा जा रहा है।वाराणसी के भेलूपुर थानाक्षेत्र के जवाहर एक्सटेंशन में स्थित रामेश्वरम गर्ल्स हॉस्टल में 17 वर्षीय छात्रा का फांसी के फंदे से झूलता हुआ शव मिला ।
भेलूपुर पुलिस की कार्यवाही पर परिवार कई सवाल खड़े कर रहा है। उनका कहना है कि उनकी बेटी जिस कमरे में रहती थी उसकी खिड़की के पास ही बेड लगा हुआ था। उनकी बेटी जिस स्थिति में थी वह तस्वीर देखने से प्रतीत हो रहा था कि यह आत्महत्या नहीं था क्योंकि बेटी का एक पैर बेड पर मुड़ा हुआ था और दूसरा जमीन पर खड़ा था। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। बेटी की मां ने दावा किया कि उसकी बेटी के साथ दुराचार हुआ है। पुलिस ने मामले को दबाया है और गर्ल्स हॉस्टल संचालक रामेश्वर पांडे समेत अन्य आरोपियों को बचा रही है। गर्ल्स हॉस्टल संचालक ने घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध बढ़ नहीं कराया है। बिहार के सासाराम निवासी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हम लोगों के प्रति घटना के बाद से ही भेलूपुर पुलिस का रवैया काफी खराब था। हम लोगों के बिना अनुमति के ही जबरदस्ती पुलिस ने हमारी बिटिया का पोस्टमार्टम और वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर धमकी देते हुए अंतिम संस्कार करवा दिया गया। इस दौरान भेलूपुर पुलिस ने मेरे और परिवार के किसी भी व्यक्ति को कोई भी फोटो और वीडियो नहीं बनने दिया। उनका आरोप है कि घटना के 10 दिन बाद एफआईआर लिखी गई। उनके अनुसार घटना के दिन 1 फरवरी को ही तहरीर दी गयी लेकिन जब पुलिस पर काफी दबाव पड़ा तो 10 फरवरी को हास्टल संचालक के खिलाफ बीएनएस की धारा 103(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।