सेनाभर्ती में गाजीपुर का नाम न होने पर युवाओं नें लगया जाम

गाजीपुर -गाजीपुर-आजमगढ़ राजमार्ग पर शुक्रवार को जलालाबाद हमीद चौक के पास युवकों ने रास्ता जाम कर दिया। आगामी नवम्बर में वाराणसी में होने वाली सेना भर्ती में गाजीपुर का नाम न होने पर नारेबाजी की गई। इससे सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी के आश्वासन पर युवक लौट गए।

युवकों का कहना था कि गाजीपुर के नौजवान सेना भर्ती के लिए पूरी दमखम के साथ तैयारी करते हैं। जब सेना भर्ती का समय आया तो जिले का नाम सूची से हटा दिया गया। इससे युवाओं के मंसूबों पर पानी फिर रहा है। गाजीपुर की धरती वीर शहीदों के रूप में जानी जाती है। इसी जिले के धामूपुर के वीर अब्दुल हमीद ने 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे। आज उसी धरती के युवाओं को नकारा जा रहा है। क्या यहां के युवक उस योग्य नहीं हैं। युवकों ने बताया कि गोरखपुर, देवरियां, मऊ, बलिया व आजमगढ़ के लिए आनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं, जबकि उसमें गाजीपुर का नाम नहीं है। पिछले वर्ष धामूपुर में शहादत दिवस पर आए जनरल विपिन रावत ने अब्दुल हमीद के नाम पर सेना भर्ती करने का आदेश दिया था। उसमें कई जिले के युवकों की भर्ती हुई थी। तब हम लोगों ने विरोध नहीं किया था लेकिन इस भर्ती के लिए गाजीपुर को क्यों बाहर किया गया है। झमाझम हो रही बारिश में भी युवा काफी उत्साहित तथा आक्रोशित थे। युवक मांग पत्र लेकर शहीद की पत्नी रसूलन बीबी के दुल्लहपुर स्थित आवास पर पहुंच गए। वहां पर भी नारेबाजी करने लगे। रसूलन बीबी ने ब्रिगेडियर से इस संबंध में वार्ता की और उनसे मिलने के लिए रवाना हो गईं। प्रदर्शन में सुनील, इंद्रजीत, अनिल, विनय, दिनेश, आकाश, उपेंद्र, अंकित, अखिलेश आदि शामिल थे।

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