हे गो माता रक्षक भाईयों, कहाँ हो? गो माता के आवारा पुत्रों से खेतों की रक्षा करो

गाजीपुर- उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों के ग्रामीण किसान परेशान है । सभी की एक ही समस्या है , छुट्टा और आवारा सांडों से अपने खेतो की रक्षा कैसे करे ? उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद का किसान चौबीस घंटे लाठी और डंडा लेकर अपने लहलहाते खेतों की रक्षा ,इन सांडों से करने मे परेशान है। गो रक्षक भाईयों का आतंक अलग से कब और किधर से निकल कर आयेंगे और खेतो से सांड हांकते देख कर , लाठी डंडे से पीट कर सांड हांकने वाले किसान को ही कब मार देगें क्या पता ? वर्तमान समय मे ऐसा कोई गांव नही जहां कम से कम 10 और अधिक से अधिक की कोई संख्या निर्धारित नहीं किया जा सकता है इन छुट्टा साडों की । पहले देशी गाय लगभग हर दरवाजे पर हुआ करती थी ,देशी गाय के बछडे खेत के जुताई मे बैल के रुप मे उपयोगी हुआ करते थे और बछिया गाय का रुप ले लेती थी। समय बदला और अधिक दुघ के लालच मे किसानों ने जर्सी गायों को पालन शुरू कर दिया । जर्सी गाय की बछिया तो उपयोगी है लेकिन अनऊपयोगी बछड़ों को कसाई के हांथों बेच देते थे किसान। गो रक्षा के नाम पर तथाकथित गोरक्षकों ने पुरे देश मे ऐसा आतंक मचाया कि आज कोई कसाई/नट/चीक जर्सी गाय के इन बछडों को खरीदने को तैयार नही , मजबुरन किसान इन्हें छुट्टा छोड दे रहे है और ये किसानों की फसलों को झुंड के झुंड नष्ट करने मे लगे है। यही हालत रहे तो वर्ष 2019 का लोक सभा चुनाव सत्तारूढ़ दल को इन सांडो से ही लडना होगा।

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